बिशुनपुर(गुमला) : बिशुनपुर प्रखंड स्थित चीरोडीह जावाडीह बॉक्साइट माइंस में गुरुवार की सुबह 7.30 बजे दो ट्रकों के बीच दबने से आदिम जनजाति के एक युवक दीनबंधु असुर (18) की मौत हो गयी. वह माइंस में बॉक्साइट लोडिंग व अनलोडिंग का काम करता था.
ट्रक से सामान उतारने के दौरान दूसरे ट्रक के सटने से दीनबंधु की घटना स्थल पर ही मौत हो गयी.
असुर जनजाति के युवक की मौत की सूचना पर काफी संख्या में जनजाति के लोग जावाडीह के पास जुटे. ग्रामीणों ने बैठक की. इसके बाद घंटों माइंस से उत्खनन व लोडिंग अनलोडिंग का काम बंद करा दिया. लोग मृतक के परिजन को तत्काल में मुआवजा व नौकरी देने की मांग कर रहे थे. घटना की सूचना पर गुरदरी थाना की पुलिस पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए गुमला सदर अस्पताल भेज दिया. इस संबंध में आदिम जनजाति नेता विमलचंद्र असुर ने बताया कि सुबह को दीनबंधु चीरोडीह माइंस में मजदूरी कर रहा था.
उसी दौरान दो ट्रकों के बीच दबने से उसकी मौत हो गयी. दीनबंधु गरीब मजदूर था. उसकी कमाई से ही घर परिवार चलता था. हिंडालको का माइंस है, जहां यह हादसा हुआ है, इसलिए मुआवजे की मांग को लेकर घंटों तक काम बंद कराया गया. बाद में प्रबुद्ध लोगों द्वारा समझाने के बाद काम चालू कराया गया. घटना स्थल पर बैठक भी हुई है, जिसमें निर्णय लिया गया कि माइंस क्षेत्र में हिंडालको सभी प्रकार की सुविधा उपलब्ध कराये.
वहीं मृतक के परिजन को मुआवजा व नौकरी मिले. श्री असुर ने कहा कि कंपनी की लापरवाही से हादसा हुआ है. अगर मृतक के परिजन को उचित मुआवजा नहीं मिलता है, तो मजबूरन आंदोलन के लिए बाध्य होना होगा. मौके पर अमतीपानी पंचायत के मुखिया सुरेश भगत, नरमा पंचायत के मुखिया बसंत टोप्पो, चीरोडीह पंचायत के मुखिया दिगंबर मुंडा सहित कई लोग थे.