गुमला : पालकोट प्रखंड के सोलंगबीरा गांव की प्रियंका व जमुना (बदला नाम) एक साल बाद दिल्ली से मुक्त हुई. मानव तस्कर खुद दोनों लड़कियों को दिल्ली से लाकर परिजनों को सौंप दिया और भाग गये. बुधवार को लड़कियां सीडब्ल्यूसी के समक्ष पूरी जानकारी दी.
प्रियंका ने बताया कि वर्ष 2015 के जून माह में मानव तस्कर लोहरदगा निवासी मीना देवी ने उसे दिल्ली में ले जाकर बेच दिया था. मीना गांव में मेहमानी करने आयी थी. इसके बाद घुमाने के बहाने पलामू ले गयी. पलामू से अपने घर लोहरदगा जिला के चमड़ू गांव ले गयी. इसके बाद ट्रेन से जबरन दिल्ली ले गयी़ वहां काम करने के लिए मधु अग्रवाल के घर बेच दिया.
वहीं जमुना को मानव तस्कर असरिता ने दिल्ली ले जाकर बेच दिया. इधर, एक साल से दोनों लड़कियों के घर नहीं लौटने व सुराग नहीं मिलने पर परिजनों ने चाइल्ड लाइन से संपर्क किया. चाइल्ड लाइन सृजन फाउंडेशन ने परिजनों को सीडब्ल्यूसी के पास लाकर शिकायत दर्ज करायी. सीडब्ल्यूसी के माध्यम से अहतू थाने में प्राथमिकी दर्ज हुई. प्राथमिकी दर्ज होने के बाद अखबार में जैसे ही समाचार प्रकाशित हुआ, मानव तस्कर डर गये.
मीना की फुआ दिल्ली गयी और दोनों लड़कियों को वापस लाकर परिजनों को सौंप दिया़ सीडब्ल्यूसी सदस्य धनंजय मिश्र ने बताया कि प्रियंका का बयान लिया गया है. जमुना का बयान बचा हुआ है. इन लोगों को जो मजदूरी मिलनी चाहिए था, वह नहीं मिली है. मामले की जांच कर आगे की कार्रवाई की जायेगी.