गुमला : गुरुवार को समाहरणालय भवन स्थित अभिलाषा कक्ष में हुई खरीफ टास्क फोर्स की बैठक में जिले में इस वित्तीय वर्ष में निर्धारित फसल आच्छादन का मुद्दा छाया रहा.
बैठक में बताया गया कि इस वित्तीय वर्ष में 1.88 लाख हेक्टेयर भूमि पर फसल आच्छादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, लेकिन अभी तक मात्र 70 हजार हेक्टेयर भूमि पर ही खेती हो सकी है. जिसका मुख्य कारण पर्याप्त मात्र में बारिश का नहीं होना है.
बारिश के कारण सबसे कम धनरोपनी का काम जिले के बिशुनपुर, चैनपुर, बसिया व कामडारा प्रखंड में हुआ है. सिसई, भरनो, गुमला, रायडीह, डुमरी, जारी, घाघरा, पालकोट आदि प्रखंडों की स्थिति कुछ ठीक है. अभी अगस्त माह तक समय है. यदि मॉनसून की स्थिति ठीक रही तो 65 से 70 प्रतिशत और रोपनी किया जा सकता है.
मॉनसून फेल होने की स्थिति में उपायुक्त डॉ प्रवीण शंकर ने सभी बीडीओ व तकनीकी पदाधिकारियों को कंटीजेन प्लान तैयार रखने का निर्देश दिया. ताकि खेतीबारी लायक पर्याप्त मात्र में बारिश नहीं होने पर किसान कंटीजेन प्लान के तहत पानी पटवन कर खेतीबारी कर सकें. बैठक में बताया गया कि जिले में मक्का, दलहन व तेलहन के खेती की स्थिति ठीक है.