गुमला: गुमला शहर के मुस्लिम बहुल इलाका आजाद बस्ती, इस्लामपुर व हुसैन नगर में डेंगू का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है. डेंगू से तीनों इलाकों के दो दर्जन से अधिक मरीज पीड़ित हैं. सभी मरीजों का इलाज रिम्स रांची में चल रहा है, जिसमें इस्लामपुर की रजिया बेगम (50), चाहत नाज (28), हुसैन नगर के मो साजिद (22), रूबिना खातून (16), मो उस्मान (50), मो चांद (18), महबूब आलम (32) व आजाद बस्ती के मो इफ्तेखार (35), तैय्यबा परवीन (16), मो शाहिद (22) व रजा कॉलोनी के मो पिंटू शामिल है.
ज्ञात हो कि शहर में पूर्व में 14 मरीज थे, जिनमें सिफा परवीन, आहत इकबाल, तौहिद अख्तर, जिया नाज, अहमद, अफरोज, शायद अमीन, प्रियंका, नाज तबस्सुम व शशि भूषण प्रसाद सहित अन्य हैं, जिनका अभी भी इलाज चल रहा है. वहीं डेंगू से सिसई के सुधीर साहू की पत्नी पूनम देवी व बेटा पुष्कर कुमार भी पीड़ित है. इसका प्रकोप पालकोट के तपकारा तक पहुंच गया है.
पूर्व में साहिमा परवीन (17) व आफिया परवीन की मौत डेंगू से हो चुकी है. इसके बावजूद जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग मौन है. डेंगू का प्रकोप फैलने से तीनों मुहल्ले के लोगों में भय व्याप्त है. मुहल्लेवासियों ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग गुमला द्वारा पूर्व में एक-दो दिन शिविर लगाया गया. उसके बाद से स्वास्थ्य विभाग झांकने तक नहीं आया है. मोहम्मद मिन्हाज ने कहा कि अगर स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठायेगा, तो हम मुहल्लेवासी आंदोलन को बाध्य होंगे. इधर, बुधवार को स्वास्थ्य विभाग द्वारा मेडिकेटेड मच्छरदानी का वितरण गांव के लाभुकों के बीच किया गया है.
जहां-जहां से सूचना मिल रही है, शिविर लगाया जा रहा है : सीएस
सीएस डॉ एसएन झा ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रतिदिन जहां-जहां से सूचना मिल रही है, वहां शिविर लगाया जा रहा है. डेंगू की जांच रैपिड टेस्ट से होती है, जिसके कारण कनफर्म करने के लिए रिम्स भेजना पड़ता है. जब तक रिम्स से रिपोर्ट नहीं आती है, तब तक कुछ नहीं किया जा सकता है. वहीं मेडॉल जांच लैब में डेंगू जांच कीट खत्म हो जाने के संबंध में पूछे जाने पर बताया कि मुझे जानकारी नहीं है.