गुमला: गुमला नगर परिषद के वार्ड नंबर आठ के पार्षद मोहम्मद मुमताज और वार्ड 14 की पार्षद सीता देवी पर बुधवार को गुमला थाना में प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है.
इन दोनों पर रिश्वतखोरी व सरकारी राशि गबन करने का आरोप है. मलीन बस्ती आवास योजना में गरीब लाभुकों से रिश्वत ली थी. वहीं जरूरतमंद गरीबों को इन लोगों ने योजना का लाभ न देकर साधन संपन्न लोगों को लाभ पहुंचाया है. नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी रामाशंकर राम ने प्राथमिकी दर्ज कराते हुए सुसंगत धाराओं के तहत कार्रवाई की मांग की है. थाना प्रभारी ने कहा कि केस दर्ज कर लिया गया है. मामले की जांच कर आगे की कार्रवाई की जायेगी.
उपसचिव के निर्देश के बाद केस दर्ज
मलीन बस्ती में पैसा लेने की शिकायत मिलने के बाद डीसी श्रवण साय ने एसडीओ केके राजहंस से मामले की जांच करायी. मामला सही मिलने के बाद डीसी ने नप के इओ को केस करने का आदेश दिया था, लेकिन इओ ने केस न कर नगर विकास विभाग के सचिव से मार्गदर्शन मांगा था. इसके बाद सरकार के उपसचिव मनीष जोसेफ तिग्गा ने नगर परिषद के इओ को केस करते हुए रिपोर्ट देने का निर्देश दिया था. उपसचिव के निर्देश देने के बाद इओ ने चार दिन पहले प्राथमिकी दर्ज करने के लिए थाने को आवेदन सौंपा, परंतु प्राथमिकी के लिए जो आवेदन इओ द्वारा लिखा गया था, उसमें कुछ त्रुटि थी. इसके बाद थाना प्रभारी ने आवेदन वापस कर दिया था. पुन: नये सिरे से आवेदन लिख कर जमा किया गया, तब जाकर बुधवार को केस दर्ज हुआ है.
इओ रामाशंकर राम ने प्राथमिकी दर्ज करायी
इओ रामाशंकर राम ने प्राथमिकी दर्ज करने के लिए थानेदार को सौंपे आवेदन में कहा है कि मलीन बस्ती आवास योजना में इन दोनों पार्षदों ने गरीब लाभुकों से रिश्वत ली है. इस मामले की जांच हुई है. जांच में रिश्वतखोरी का मामला सही पाया गया है. इओ ने आवेदन के साथ गरीब लाभुकों से प्राप्त शिकायत पत्र, एसडीओ की जांच रिपोर्ट, डीसी व सरकार के उपसचिव द्वारा एफआइआर दर्ज करने के लिए दिये गये पत्र को भी थाना प्रभारी को सौंपा है.
क्या है मामला
सरकार ने गरीबों के लिए मलीन बस्ती आवास योजना शुरू की है. गुमला शहर में रहने वाला गरीब परिवार, जिनकी जमीन है, लेकिन घर नहीं है. ऐसे लोगों को चिह्नित कर घर बनाना था. इसके तहत वार्ड पार्षदों की अनुशंसा पर नगर परिषद ने घर की स्वीकृति देकर राशि दी, लेकिन पार्षदों ने अपनी कमाई के लिए घर स्वीकृत कराने के नाम पर गरीब लाभुकों से 15 से 20 हजार रुपये रिश्वत ली है.