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10 करोड़ का हुआ नुकसान
बोआरीजोर : राजमहल कोल परियोजना में कार्यरत संयुक्त ट्रेड यूनियन के साथ करीब 2200 कर्मचारी हड़ताल पर चले गये हैं. इस कारण परियोजना को पहले दिन 10 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा है. पहला दिन कर्मियों के हड़ताल पर जाने से परियोजना में कोयला ढुलाई शत प्रतिशत बाधित रही. पांच दिवसीय हड़ताल से परियोजना को […]
बोआरीजोर : राजमहल कोल परियोजना में कार्यरत संयुक्त ट्रेड यूनियन के साथ करीब 2200 कर्मचारी हड़ताल पर चले गये हैं. इस कारण परियोजना को पहले दिन 10 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा है. पहला दिन कर्मियों के हड़ताल पर जाने से परियोजना में कोयला ढुलाई शत प्रतिशत बाधित रही.
पांच दिवसीय हड़ताल से परियोजना को करीब 50 करोड़ के नुकसान का आकलन किया जा रहा है. मंगलवार को संयुक्त ट्रेड यूनियनों में शामिल सीटू, एटक, इंटक, बीएमएस, झारखंड कोल मजदूर यूनियन, कोलियरी मजदूर यूनियन कुल पांच संगठनों ने जोरदार आंदोलन कर कोल इंडिया को अपना विरोध जताया. कोयला उत्पादन व प्रेषण दिन भर बाधित रहा.
वहीं राजमहल परियोजना से दो बड़े ताप विद्युत उत्पादन कंपनी एनटीपीसी फरक्का व एनटीपीसी कहलगांव को 14000 टन कोयला नहीं मिल पाया. मौके पर ट्रेड यूनियनों के नेताओं में शामिल रामजी साह, फाबियानुस मरांडी, मरियानुस मरांडी, अंगद उपाध्याय, राधेश्याम चौधरी, मजरूल हक, रणधीर सिंह, अजय हेंब्रम, मिस्त्री मरांडी ने मांगों को लेकर विरोध दर्ज कराया.
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