गोड्डा : 15 अगस्त के मौके पर गोड्डा मंडलकारा में जेल अदालत का आयोजन किया गया. झालसा के निर्देश के आलोक में जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तहत जेल अदालत के दौरान बंदियों को कानून की महत्वपूर्ण जानकारी दी गयी. सीजेएम राजेश सिन्हा ने स्वतंत्रता दिवस की बंदियों को बधाई देकर कहा कि जेल से छूट कर जायें तो समाज में अच्छी व सच्ची भूमिका अदा कर अपना योगदान निभायें. प्राधिकार सचिव एसके वर्मा ने कहा कि पीड़ित अधिकारों की रक्षा की जा रही है.
माननीय उच्च न्यायालय के निर्देश पर पीड़ितों को मुआवजा मिला है. न्यायालय पर मुकदमा का बोझ बढ़ता जा रहा है. घरेलू विवाद में मध्यस्थता अहम भूमिका निभा रही है. लोक अदालत के माध्यम से सुलह समझौते के आधार पर वादों का निबटारा किया जा रहा है. रिटर्नर अधिवक्ता अफसर हसनैन ने कहा कि 71 वर्ष पूर्व देश आजाद हुआ है. तब भी कानून था, अब भी कानून है. आजादी के बाद अपना कानून बना. घटनाओं के हिसाब से सजा देने का प्रावधान है.
सलाखों के पीछे बंद हैं. मगर आपको जीने का अधिकार है. 80 प्रतिशत बंदी विचाराधीन हैं. स्वतंत्रता प्राप्त है. विधि सहायता प्राप्त करने का अधिकार है.केस लड़ने के लिए पैसे नहीं हैं तो आपको सरकारी वकील मुहैया कराया जाता है. रिटर्नर अधिवक्ता सादिक अहमद ने कहा कि आजादी हासिल करने के लिए लड़ाई लड़ी गयी. देश में संविधान बना. देश में कानून का राज है. देश में मौलिक अधिकार मिला है. समानता का अधिकार है. फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन किया गया. लोक अदालत में सुलह के आधार पर समझौता पर मामले सुलझाये जाते हैं. छोटे मोटे वादों को सुझला कर मुकदमे को कम किया जा रहा है. अपराध करेंगे तो समाज परिवार छुटता है. जेल एक सिस्टम है. सुधरने का मौका मिलता है. देश के विकास के लिए सोचने व जेल से छूटने के बाद अच्छा काम करें. दौरान अधिवक्ता प्रीतेश कुमार, जेल अधीक्षक राहुल जी आनंद जी, पीएलवी सदस्य आदि थे.