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फूलों की जवानी भी क्या खूब जवानी है
नारायणी साहित्य अकादमी की मासिक कवि गोष्ठी संपन्न गिरिडीह. पशुपालन विभाग के सभागार में गुरुवार को कवियों ने अपनी प्रस्तुति से श्रोताओं को बांधे रखा. अवसर था नारायणी साहित्य अकादमी गिरिडीह इकाई की मासिक कवि गोष्ठी का. मोइनुद्दीन शम्सी ने फूलों की जवानी भी क्या खूब जवानी है, डाॅ अनुज कुमार ने तुम मुझे खुदा […]
नारायणी साहित्य अकादमी की मासिक
कवि गोष्ठी संपन्न
गिरिडीह. पशुपालन विभाग के सभागार में गुरुवार को कवियों ने अपनी प्रस्तुति से श्रोताओं को बांधे रखा. अवसर था नारायणी साहित्य अकादमी गिरिडीह इकाई की मासिक कवि गोष्ठी का.
मोइनुद्दीन शम्सी ने फूलों की जवानी भी क्या खूब जवानी है, डाॅ अनुज कुमार ने तुम मुझे खुदा लगती है, संजय करुणेश ने मर हम गए पर मरहम ना मिला, डाॅ छोटू प्रसाद ने छिन गया कृष्णदेव के आंखों का अनमोल सुख, महबूब अकेला ने आग लगी है आग है भाई, प्रदीप गुप्ता ने मेरे रहनुमा मेरे हमदम मेरे दोस्त, महेश अमन ने मेरी मुहब्बत दफन है मेरे जिगर रूपी कब्र में, डाॅ पूनम ने छोड़कर अब चल ये घर-बार भी संसार भी’ आदि पंक्तियां सुनायीं तो श्रोता वाह-वाह कर उठे. गोष्ठी में मुख्य वक्ता अकादमी की प्रदेश अध्यक्ष ममता बनर्जी की कविता ‘जिंदगी तेरे फसाने ने क्या से क्या करा दिया’ पर खूब तालियां बजीं. गोष्ठी में अकादमी के प्रवक्ता सुनील मंथन शर्मा ने वेबसाइट मंथन मीडिया डॉट कॉम में सभी कवियों की कविताएं प्रकाशित करने की घोषणा की.
मंच संचालन महेश अमन कर रहे थे. धन्यवाद ज्ञापन शंकर पांडेय ने किया. कवियों की हौसला अफजाई के लिए प्रधान डाकघर के पोस्टमास्टर नवीन सिन्हा उपस्थित थे. इससे पूर्व गोष्ठी की शुरुआत अकादमी के सदस्य रहे स्व. सोमेश्वर ठाकुर के निधन पर शोक जताया गया. दो मिनट का मौन धारण कर उनकी आत्मा की शांति की कामना की गयी. गोष्ठी में मुख्य रूप से जिला पशुपालन पदाधिकारी डाॅ देवेंद्र नाथ द्विवेदी उपस्थित थे. उनका चाइबासा ट्रांसफर हो जाने पर अकादमी ने गोष्ठी के अंत में विदाई दी गयी.
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