दस-दस हजार का जुर्माना
जुर्माना नहीं देने पर एक-एक वर्ष के साधारण कारावास की सजा
गिरिडीह. विशेष न्यायाधीश सह जिला व सत्र न्यायाधीश प्रथम पीके चौबे की अदालत ने बुधवार को सामूहिक दुष्कर्म के एक मामले में तीन अभियुक्तों को दस-दस वर्ष की सजा सुनायी है. साथ ही अदालत ने तीनों को दस-दस हजार रुपये का जुर्माना किया है. जुर्माना की रकम जमा नहीं करने पर अभियुक्तों को एक-एक वर्ष की साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी. मामला जमुआ थानांतर्गत नवडीहा ओपी के गौरा गांव का है.
रिवाल्वर की नोक पर सामूहिक दुष्कर्म : सूचक रामदेव रविदास ने 05.04.2001 को नवडीहा ओपी में सामूहिक दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था. कांड संख्या 47/01 में सूचक ने कहा कि नवडीहा ओपी अंंतर्गत चौरा निवासी शंकर राय व सचिन राय तथा धरयटोल निवासी महेश राय ने उसकी पत्नी के साथ रिवाल्वर की नोक पर सामूहिक दुष्कर्म किया. विरोध करने पर उसे लाठी-डंडा से मारकर बेहोश कर दिया. इस दौरान आरोपियों ने घर में रखे एक हजार रुपये नगद तथा पत्नी से चांदी का लॉकेट लूट लिया और घर को आग लगाकर जला देने की धमकी भी दी.
12 गवाहों का परीक्षण : सूचक के बयान पर नवडीहा ओपी में भादवि की धारा 147, 342, 452, 376(जी), 379, 504 के तहत मामला दर्ज किया गया. सत्रवाद संख्या 300/01 में अदालत ने तीनों को दोषी पाया है. इस कांड में पुलिस ने 11 जुलाई 2001 को आरोप पत्र दाखिल किया.
अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक महेंद्र प्रसाद ने 12 गवाहों का परीक्षण कराया. गवाहों में पीड़िता, डॉक्टर, अनुसंधानकर्ता व प्रत्यक्षदर्शी शामिल हैं. चिकित्सक डा. रेखा झा ने भी दुष्कर्म की पुष्टि से संबंधित बातें न्यायालय में अपने साक्ष्य में बतायी हैं.
अदालत ने सामूहिक दुष्कर्म मामले में शंकर राय, महेश राय व सचिन राय को दोषी पाते हुए दस-दस वर्ष की सजा व दस-दस हजार का जुर्माना भी किया. अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक महेंद्र प्रसाद व बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता कृष्णा प्रसाद राय ने बहस की.