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झारखंड सरकार पहुंच रही गांव-पंचायत, फिर भी गढ़वा के ग्रामीण भटक रहे सरकारी कार्यालय, नहीं हो रहा समाधान

jharkhand news: झारखंड सरकार की आपके द्वार कार्यक्रम के तहत गांव- पंचायत तक पहुंचने की कोशिश हो रही है, लेकिन गढ़वा में आज भी कई ग्रामीण अपनी समस्या के समाधान के लिए भटक रहे हैं. हालांकि, जिला प्रशासन का दावा है कि 93,762 आवेदन प्राप्त हुआ. इसमें से 60,821 आवेदनों को डिस्पोज कर दिया गया है.

Jharkhand news: गढ़वा जिले में 16 नवंबर से चलाये जा रहे पंचायतस्तरीय आपके अधिकार, आपकी सरकार, आपके द्वार कार्यक्रम अपने अंतिम चरण में हैं, लेकिन जनता की समस्याएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. अभी भी काफी संख्या में दूर-दराज के ग्रामीण राशन एवं पेंशन जैसी समस्याओं को लेकर जिला मुख्यालय पहुंच रहे हैं. सरकार आपके द्वार कार्यक्रम का उद्देश्य गांवों में शिविर लगाकर ग्रामीणों से उनकी समस्याओं से संबंधित आवेदन लेना एवं उसका निष्पादन करना था. प्रखंड स्तर पर समस्याओं का समाधान नहीं होने पर जिला मुख्यालय समाहरणालय आनेवाले ग्रामीणों की संख्या कम नहीं हो रही है.

डीसी का जनता दरबार बंद होने की वजह से लोग संबंधित विभाग या जनसुविधा में आवेदन जमा कर रहे हैं. सरकार आपके द्वार आंकड़ों के अनुसार, 18 दिसंबर तक जिले के विभिन्न पंचायतों में लगाये गये जनता दरबार में 93,762 आवेदन प्राप्त हुए थे. प्रशासन के आधिकारिक आंकड़ों में दावा किया गया है कि इसमें से 60,821 आवेदनों को डिस्पोज कर दिया गया है, जबकि 25,884 आवेदन अंडर प्रोसेस है. लेकिन, समस्याओं को लेकर जिला मुख्यालय तक पहुंचनेवाले लोगों की बात सुनें, तो धरातल की स्थिति इससे इतर लगेगी.

2017 में फजरून बीवी ने राशन कार्ड के लिए दिया था आवेदन, पर नहीं बना

डीसी से मिलने समाहरणालय पहुंची मझिआंव के घुरवा गांव निवासी फजरून बीवी ने बताया कि उनके परिवार में 6 लोग हैं, लेकिन उन्होंने 8 नवंबर, 2017 को ही राशन के लिए आवेदन दिया था. लेकिन, उनका अभी तक राशन कार्ड नहीं बना है. प्रखंड से लेकर जिला मुख्यालय तक कई बार दौड़ लगा चुके हैं. इसी तरह मझिआंव के मोरबे गांव निवासी मोहानी बीवी ने बताया कि उसके पति की मृत्यु हुए कई साल गुजर गये हैं.

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वह विधवा होने के साथ ही वृद्ध भी है, लेकिन उसे पेंशन नहीं मिल रहा है. पहले उसे पेंशन मिला करता था, लेकिन छह-सात माह से बैंक की ओर से कहा जा रहा है कि उसका पेंशन दूसरे के खाते में चला जा रहा है. वह अपना पेंशन सुधरवाने के लिए प्रखंड में कई थी. वहां से जिला भेजा गया, लेकिन अब यहां भी स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया जा रहा है. वह अत्यंत गरीब महिला है. बार-बार गढ़वा नहीं आ सकती है.

71 साल के शिवपति को आज तक नहीं मिला पेंशन का लाभ

इसी तरह मेराल के पिंडरा गांव निवासी 71 वर्षीय शिवपति देवी अपने पति सरयू भुईंया के साथ मंगलवार को समाहरणालय पहुंची थी. सरयू भुईंया को वृद्धावस्था पेंशन का लाभ मिलता है, लेकिन शिवपति देवी को नहीं मिलता है. शिवपति देवी ने बताया कि उसे आज तक कभी पेंशन नही मिला है, जबकि उसने कई बार जनप्रतिनिधि व पदाधिकारियों आदि से मिल चुकी है.

उसे समझ नहीं आ रहा है कि वह किसके पास जाये, जिससे उसकी समस्या का समाधान तुरंत हो सके. इसी तरह कांडी प्रखंड के चचेरिया गांव निवासी 80 प्रतिशत दिव्यांग चंदा कुमारी को पांच माह से दिव्यांगता पेंशन नहीं मिला है. वह भी अपने भाई के साथ समाहरणालाय आयी थी. समाहरणालय पहुंची चेचरिया गांव निवासी कांति कुंवर ने बताया कि उसे तीन साल से वृद्धावस्था पेंशन नहीं मिला है.

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गलत राशन कार्ड में जोड़ दिया गया तीन बच्चों का नाम, भटक रहे दंपती

अपनी समस्या लेकर पत्नी के साथ समाहरणालय पहुंचे बरडीहा प्रखंड के आदर गांव निवासी गोपाल राम ने बताया कि उसने अपने आधार कार्ड में तीन बच्चों का नाम जोड़वाने के लिए आवेदन किया था. लेकिन, उसके राशन कार्ड में जोड़ने की बजाय समडेगा जिले के रूसु केरसई गांव निवासी सिल्वानुस किड़ो के राशन कार्ड में उनके तीनों बच्चों का नाम जोड़ दिया गया है़ विभाग की इस गलती को सुधरवाने के लिए वह तीन महीने से भटक रहे हैं, लेकिन विभाग आवेदन लेने के लिये भी तैयार नहीं है. आज एक बार फिर से वो बिना आवेदन जमा किये वापस जा रहे हैं.


रिपोर्ट: पीयूष तिवारी, गढ़वा.

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