बिना सूचना के गायब थे चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मी
मांगा गया स्पष्टीकरण
उच्चाधिकारियों को सौंपी जायेगी रिपोर्ट
स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में रविवार को एक घायल महिला की मौत व चिकित्सकों के अनुपस्थित रहने से संबंधित खबर प्रकाशित होने के बाद बीडीओ विशाल कुमार ने सोमवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की जांच की़ जांच के क्रम में चिकित्सक सहित आधा दर्जन कर्मचारियों को अनुपस्थित पाया गया़
बीडीओ ने उनकी हाजिरी काटते हुए स्पष्टीकरण मांगा है़ साथ ही उन्होंने इसकी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को देते हुए इस पर कार्रवाई की मांग की है़ बीडीओ के निरीक्षण के दौरान डॉ एएम खलखो व डॉ एके सिंह दोनों गायब थे़ दोनों चिकित्सकों की हाजिरी काटी गयी़ वहीं स्वास्थ्यकर्मी सुनिल कुमार पटेल, अरुण लकड़ा, रजत कुमार आदि भी बिना कोई आवेदन दिये गायब थे़ उनकी भी हाजिरी काटते हुए बीडीओ ने उनसे स्पष्टीकरण मांगा है़ इस मौके पर बीडीओ ने कहा कि चिकित्सकों को अस्पताल से गायब होना दुखद बात है़ उन्होंने अस्पताल में कोई रोस्टर नहीं देखने पर भी नाराजगी व्यक्त की़
इस दौरान इस बात को लेकर बीडीओ आश्चर्यचकित थे कि रविवार को घायल होकर आयी महिला को एएनएम ने आधे घंटे तक इलाज करने व उसके माथे में चोट की वजह से सात टांका लगाने की बात कही गयी थी़ जबकि इसके पूर्व एएनएम नागदशमी ने कहा था कि यशोदा देवी अस्पताल आने से पहले ही मृत हो चुकी थी़ इस पर सवाल उठता है कि जब वह मर चुकी थी, तो फिर उसके माथे में टांके क्यों लगाये गये़ विदित हो कि रविवार को गटियरवा की यशोदा देवी को घायल अवस्था में टेंपो से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया था़ इस दौरान इमरजेंसी खुला था, लेकिन दो में से एक भी चिकित्सक ड्यूटी में नहीं थे़
ड्यूटी में तैनात नागदशमी ने घायल महिला का इलाज करने की बात कही़ इस पर अस्पताल व्यवस्था पर सवाल खड़ा होता है़ विदित हो कि स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सा व्यवस्था काफी लचर है़ यहां प्रतिनियुक्त तीन चिकित्सकों में एक डॉ नीतीश कुमार आयुर्वेद के चिकित्सक हैं, जबकि दो चिकित्सकों में प्रभारी डॉ एके सिंह व डॉ एएम खलखो कभी भी दोनों साथ नहीं रहते़ इसके कारण मरीजों को सही रूप से स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिल पाती है़