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करवा पहाड़ गांव पहुंचीं डीसी
दयनीय स्थिति में जी रहे हैं कोरवा परिवार के लोग डीसी के दौरे के बाद स्थिति में सुधार होने की जगी है उम्मीद धुरकी (गढ़वा) : धुरकी प्रखंड में करवा पहाड़ गांव में कोरवा परिवार के दो लोगों की मौत की खबर प्रभात खबर में प्रकाशित होने के बाद उपायुक्त डॉ नेहा अरोड़ा ने पिछले […]
दयनीय स्थिति में जी रहे हैं कोरवा परिवार के लोग
डीसी के दौरे के बाद स्थिति में सुधार होने की जगी है उम्मीद
धुरकी (गढ़वा) : धुरकी प्रखंड में करवा पहाड़ गांव में कोरवा परिवार के दो लोगों की मौत की खबर प्रभात खबर में प्रकाशित होने के बाद उपायुक्त डॉ नेहा अरोड़ा ने पिछले दिनों प्रखंड के करवा पहाड़ गांव का दौरा किया.
मृतकों के परिवार के बारे में जानकारी ली और उन्हें चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने के साथ सभी सरकारी सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिये. ज्ञात हो कि प्रखंड में 28 गांव हैं, जिसमें कदवा, केतमा, पनघटवा, विशुनिया और अंबाखोरेया को छोड़ सभी 22 गांवों में आदिम जनजाति के कोरवा परिवार रहते हैं. इस जनजाति की कुल आबादी 5,500 है. इनमें से कुछ परिवारों को छोड़ कर अधिकांश मुख्यधारा से कटे हैं. शिक्षा और सामाजिक जागरूकता के अभाव में कोरवा जनजाति के लोग घोर गरीबी में जीते हैं.
अधिकांश परिवार किसी न किसी बीमारी की चपेट में हैं. गरीबी इतनी है कि ये इलाज भी नहीं करा पाते. कई बार साधारण बीमारी से ही इनकी मौत हो जाती है. खाला गांव निवासी बालकेश्वर कोरवा को लकवा मार गया है. वह तीन साल से बिस्तर पर है. बच्चे से बाहर चले गये हैं.
घर में सिर्फ पत्नी है, वह भी बीमार है. खाला गांव के लक्ष्मण कोरवा के पैर में बड़ा जख्म है. इलाज नहीं करा पा रहा. इसी गांव के जोखू कोरवा का शरीर काम नहीं कर रहा. उसकी देखरेख करनेवाला भी कोई नहीं है.
कई लोगों की हो चुकी है मौत
खाला के सिंहा कोरवा, छोटकू कोरवा, काले देवी, धुरकी के गुणी कोरवा, शुरू के प्रदीप कोरवा, भगवान की कोरवा की पुत्री, मनजीत कोरवा, खुटिया के श्यामसुंदर कोरवा, खुखाड़ी कोरवा, मिरचइया की सोमारू कोरवा आदि.
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