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मनुष्य के लिए आध्यात्मिक ज्ञान जरूरी : अमृते

24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ का दूसरा दिन यज्ञशाला में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ विशुनपुरा (गढ़वा). गायत्री परिवार द्वारा स्थानीय रामवि के मैदान में आयोजित 24 कुंडीय यज्ञ के दूसरे दिन शुक्रवार को काफी संख्या में श्रद्धालुओं ने हवन में भाग लिया. यज्ञ करने के लिए महिला व पुरुष श्रद्धालुओं की संख्या काफी बढ़ जाने के […]

24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ का दूसरा दिन
यज्ञशाला में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
विशुनपुरा (गढ़वा). गायत्री परिवार द्वारा स्थानीय रामवि के मैदान में आयोजित 24 कुंडीय यज्ञ के दूसरे दिन शुक्रवार को काफी संख्या में श्रद्धालुओं ने हवन में भाग लिया. यज्ञ करने के लिए महिला व पुरुष श्रद्धालुओं की संख्या काफी बढ़ जाने के कारण उन्हें कई पाली में यज्ञ कराया गया.
इसके पूर्व गुरुवार की शाम शांतिकुंज हरिद्वार से आयी टोली द्वारा संगीतमय प्रज्ञा पुराण कथा शुरू हुआ. इस मौके पर टोली नायक सूरत सिंह अमृते ने कथा की शुरुआत करते हुए कहा कि आज विज्ञान से इतना विकास हुआ है कि मनुष्य गगनचुंबी धन का भंडार भरके रख दिया है.
लेकिन दुर्भाग्य इस बात का है कि इसके बावजूद मनुष्य परेशान और हताश है. परिवार टूट रहा है. उन्होंने कहा कि यदि मनुष्य को आध्यात्मिक ज्ञान मिल जाये, तो उससे सबकुछ पाया जा सकता है. लेकिन दुर्भाग्य इस बात का है कि मनुष्य को इसके लिए कोई जिज्ञासा ही नहीं है. यही कारण है कि मनुष्य सब कुछ पाकर भी परेशान और हताश है. उसके जीवन में शांति नहीं है. उन्होंने कहा कि प्रज्ञापुराण कथा में आज के युग की सभी समस्याओं का निराकरण है. श्री अमृते ने इसको कथा के माध्यम से श्रद्धालुओं के बीच रखी.
इस मौके पर सह टोलीनायक अनिल ठाकुर, गायक सुरजदीप व वादक चिंतामणि ने युग संगीत के माध्यम से कथा के भाव को रखा. इसके पूर्व शांतिकुंज की टोली का यज्ञ समिति की ओर अध्यक्ष राजबंशी प्रसाद गुप्ता, राधेश्याम पांडेय, यतिंद्रनाथ दुबे, कमला पांडेय व अशोक प्रसाद गुप्ता ने उन्हें माला व तिलक कर स्वागत किया.

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