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बिना फिल्टर के ही जलापूर्ति

नगरऊंटारी : गरबांध में डायरिया फैलने का वजह दूषित जल की आपूर्ति है. गांव में घाघरा नदी से पेयजलापूर्ति किया जाता है. नदी में जिस स्थान पर कूप बना है, वहां आसपास जमा पानी में शैवाल ही शैवाल है. समय-समय पर उक्त स्थान की सफाई भी नहीं होता है. नदी में बालू की जगह मिट्टी […]

नगरऊंटारी : गरबांध में डायरिया फैलने का वजह दूषित जल की आपूर्ति है. गांव में घाघरा नदी से पेयजलापूर्ति किया जाता है. नदी में जिस स्थान पर कूप बना है, वहां आसपास जमा पानी में शैवाल ही शैवाल है. समय-समय पर उक्त स्थान की सफाई भी नहीं होता है.

नदी में बालू की जगह मिट्टी की परत जमा हो गया है. वहीं से पानी को पंप द्वारा टंकी में चढ़ा या जाता है और पेयजलापूर्ति की जाती है. पंप ऑपरेटर विजय यादव ने बताया कि नदी में दो चार दिन के बाद 50 ग्राम ब्लीचिंग पाउडर डाला जाता है. नदी का पानी जब टंकी में जाता है, तो वहां उस पानी को फिल्टर नहीं किया जाता है. विजय ने बताया कि पंप हाउस के पास वर्तमान में एक से डेढ़ किलो ब्लीचिंग पाउडर उपलब्ध है.

ग्रामीणों का कहना है कि ब्लीचिंग पाउडर व फिटकरी उपलब्ध रहने के बाद भी आपूर्ति वाले पानी में उसे नहीं डाला जाता है. पेयजलापूर्ति में सफाई पर ध्यान नहीं दिया जाता है, जिसके कारण बिना फिल्टर किये गये आपूर्ति की गयी पानी को पीने से लोग बीमार पड़ते हैं. ग्रामीणों के कहने पर सोमवार को अनुमंडलीय अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ अजीत कुमार सिंह ने गांव में स्थित तालाब, कुआं व घाघरा नदी में ब्लीचिंग पाउडर डलवाया था.

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