चाकुलिया.
चाकुलिया के बेंद में सोमवार को दुर्घटनाग्रस्त ट्रक को हटाने पहुंचे प्रशासनिक पदाधिकारियों को ग्रामीणों के गुस्से का सामना करना पड़ा. पंचायत के मुखिया राधानाथ मुर्मू, उप प्रमुख कविता साव एवं झामुमो नेता टुलू साव ग्रामीणों का नेतृत्व कर रहे थे. पदाधिकारियों से तीखी बहस हुई. पदाधिकारी में बीडीओ आरती मुंडा, सीओ उपेंद्र कुमार एवं चाकुलिया पुलिस टीम मौजूद थे. पदाधिकारी दुर्घटना स्थल से वाहन को हटाना चाह रहे थे, जबकि ग्रामीणों का कहना था कि मुआवजा मिलने तक वाहन को जस के तस रहने दिया जाये. 45 डिग्री तापमान, धूप और गर्मी के बीच ग्रामीण सड़क पर डटे रहे. काफी समझाने के बाद ग्रामीण वाहन को हटाने को राजी तो हुए. पर उनका कहना था कि वाहन को थाना नहीं ले जाने दिया जायेगा. दुर्घटनास्थल से हटाकर वाहन को पास में ही रखा जाये. मुआवजा मिलने के बाद ही वाहन छोड़ा जायेगा. इसके बाद चाकुलिया स्थित विधायक कार्यालय में मुआवजा को लेकर बातचीत शुरू हुई. ट्रक मालिक पक्ष से विजय कुमार देव तथा प्रभावित परिवारों की उपस्थिति में बातचीत शुरू हुई. हादसे में अमल राणा की 30 बकरियां ट्रक से दबकर मर गयी थींकरीब 6 घंटे तक वार्ता चलने के बाद 2 लाख 20 हजार रुपये मुआवजे पर सहमति बनी. इस दुर्घटना में अमल राणा की 30 बकरियां ट्रक नीचे दबकर मर गयी. इसके अलावा सीमंत राणा, अनंत राणा, विमल राणा एवं सुधीर राणा का घर क्षतिग्रस्त हो गया. वार्ता के बाद ट्रक मालिक पक्ष से मौजूद विजय कुमार देव ने कहा कि वह ओडिशा के रहने वाले हैं. उनके बैंक खाते में पैसे भेजे जा रहे हैं. इसके बाद पैसा प्रभावित परिवारों को दे दिया जायेगा. समाचार लिखे जाने तक पैसों के इंतजार में प्रभावित परिवार विधायक कार्यालय में ही जमे थे. मौके पर बलराम महतो, राकेश मोहंती, बप्पा दास, गौतम शर्मा आदि उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है