घाटशिला : बंगाल, झारखंड,ओड़िशा बॉर्डर रीजनल कमेटी के सचिव सह माओवादी नेता कान्हु मुंडा के सरेंडर मामले को लेकर नागरिक सुरक्षा समिति हाइकोर्ट जायेगा. नासुस के अध्यक्ष शैलेंद्र बास्के ने कहा कि कान्हु मुंडा को इनाम के नाम पर 25 लाख का चेक दिया गया था. कोर्ट से इनाम की राशि पर रोक लगाने की अपील की जायेगी. नासुस अध्यक्ष ने कहा कि कुंदन पाहन के सरेंडर पर जिस तरह हाई कोर्ट ने संज्ञान लिया. इससे हम लोगों को न्याय मिलने की उम्मीद जगी.
कोर्ट जाने की प्रक्रिया की जा रही है. जल्द होई कोर्ट में रिट याचिका दायर करेंगे. शैलेंद्र बास्के ने कहा कि 15 फरवरी को गुड़ाबांदा पुलिस के समक्ष कान्हु मुंडा सरेंडर किया था. सरेंडर के चंद घंटों में ही उसे 25 लाख का चेक सौंप दिया गया. जबकि उन्होंने करीब 25 नासुस सदस्यों की हत्या की. नक्सली हमले में कई पुलिस वाले मारे गये. आम ग्रामीणों की हत्या हुई. कान्हु मुंडा के खिलाफ 47 अपराधिक मामले दर्ज है. सरेंडर के बाद पुलिस उसे हीरो के रूप में पेश किया. सभी सुविधाएं दी गयी.
घंटों बाद इनाम की राशि दे दी गयी और नक्सली हमले में मारे गये लोगों के आश्रित आज भी दर-दर भटक रहे हैं. करीब 30 परिवार आज भी विस्थापित की जिंदगी जी रहे हैं. कई परिवार अपने गांव-घर छोड़ कर मुसाबनी में जिंदगी गुजार रहे हैं. नक्सली हमले में मरने वालों में कइयों को आज भी न मुआवजा मिला न नौकरी. नासुस ने कान्हु मुंडा के सरेंडर के बाद एसएसपी, डीसी, डीआइजी, डीजीपी, मुख्यमंत्री तक मांग पत्र सौंप कर प्रभावित परिवारों को मुआवजा समेत अन्य सरकारी सुविधा देने की मांग की. लेकिन किसी ने नहीं सुनी. जिसने कइयों की हत्या की. उसे शीघ्र इनाम और सम्मान मिला और जिसकी जान गयी. घर-परिवार बर्बाद हुआ उसे कुछ भी नहीं मिला यह कैसा न्याय है. तमाम मामलों को लेकर हाइकोर्ट जायेंगे. सरकार और पुलिस-प्रशासन से न्याय मिलने की उम्मीद नहीं है अब कोर्ट ही एक मात्र रास्ता है.