घाटोटांड़ : आर्थिक तंगी से जूझ रही बिरहोर विधवा ने 1500 रुपये में अपने नवजात को बेच दिया. नवजात को चतरा जिले के सिमरिया तेलियाडीह के केदार साव ने खरीदा है. जानकारी के मुताबिक, मांडू प्रखंड के बसंतपुर पंचायत में आदिम जनजाति बिरहोर का एक टोला है. यहीं 41 साल की विधवा आनो देवी की तीन बेटी व तीन बेटे हैं.
दो बेटी की शादी हो गयी है. पति की आठ साल पहले मौत हो गयी़ इसके बाद वह बेसहारा हो गयी.उसे बेसहारा जान कर कुछ लोगों ने उसका यौन शोषण किया. जिससे वह गर्भवती हो गयी. आठ जुलाई 2016 को उसने एक बेटे को जन्म दिया. लेकिन आर्थिक तंगी के बीच नवजात को पालना मुश्किल था, इसलिए उसने चतरा के सिमरिया तेलियाडीह निवासी केदार साव को नवजात को 1500 रुपये में बेच िदया. केदार की पांच बेटियां ही हैं. केदार साव 10 जुलाई को आये और पैसे देकर बच्चे को खरीद िलया.
कैसे हुआ बच्चे का सौदा : बंजी गांव की एक महिला नौ जुलाई को बिरहोर टोला में सब्जी बेचने गयी थी.
उसे पता चला कि विधवा आनो देवी को बेटा हुआ है और वह नवजात को पालने में सक्षम नहीं है. उसने आनो के पड़ोसी बिल्ला बिरहोर की पत्नी से बात की. बिल्ला की पत्नी ने आनो से पूछ कर बताया कि वह बच्चे को बेचना चाहती है. बच्चे का सौदा दो हजार रुपये में तय हुआ़
सब्जी बेचनेवाली महिला के अनुसार, उसकी बेटी के एक दूर के रिश्तेदार इसमें से एक हजार मौके पर मौजूद बिरहोर टोला की महिलाओं ने ले लिये और एक हजार रुपये आनो देवी को मिले. बच्चे को गोद में देने के लिए रस्म के तौर पर 500 रुपये बच्चे की मां को और दिये गये. इसके अलावा उपस्थित लोगों ने शराब पीने के लिए 70 रुपये लिये. इसके बाद केदार साव बच्चे को लेकर सिमरिया तेलियाडीह स्थित अपने घर चले गये.
बीडीओ व मुखिया ने लिया संज्ञान
बिरहोर विधवा द्वारा बच्चा बेचने की सूचना पर मुखिया व बीडीओ ने संज्ञान लेते हुए मामले की जांच शुरू कर दी है. मुखिया निर्मल महतो बिरहोर टोला जाकर मामले की जानकारी ली. इसके बाद आनो देवी का ममत्व जागा और वह बच्चा वापस लेने को बेचैन हो गयी. 11 जुलाई को बच्चे के सौदा में शामिल बंजी निवासी सब्जी बेचनेवाली महिला के घर जाकर बच्चा वापस करने की वह मांग करने लगी. वहां बच्चा नहीं होने के कारण वह मायूस हो कर लौट गयी.