– राजनसिंह–
– गुड़ाबांदा में पुलिस पर हमला. पन्ना की चमक से
– पन्ना की खुदाई और व्यवसाय से नक्सलियों को संजीवनी मिली
– यहां की भौगोलिक स्थिति भी नक्सलियों की सेहत के लिए फायदेमंद
गुड़ाबांदा : वैसे तो नक्सली प्रमुख किशन जी की हत्या के बाद से नक्सली संगठन काफी कमजोर हुआ है. संगठन के तीसरे चरण का आंदोलन कई इलाकों में दम तोड़ रहा है, परंतु गुड़ाबांदा थाना क्षेत्र में पन्ना की चमक ने नक्सली संगठन को पावरफुल बना दिया है. नक्सली लगातार अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं.
आज की घटना से यह साबित हो गया है कि नक्सली इस मजबूत स्थिति में हैं कि वे पुलिस को कभी भी घेर कर मार सकते हैं. इस थाना क्षेत्र में नक्सली काफी दिनों से अपनी मजबूत उपस्थिति का अहसास कराते आ रहे हैं. कई बार पोस्टरबाजी की. बैनर टांगा. इनके पोस्टर और बैनर पन्ना की खुदाई और व्यवसाय से संबंधित थे.
पन्ना की खुदाई और व्यवसाय से नक्सलियों को संजीवनी मिली. पन्ना से भरपूर लेवी मिली. संगठन लगातार विस्तार करता गया. कान्हू मुंडा के नेतृत्व में यहां के नक्सली मजबूत हुए. दरअसल, यहां की भौगोलिक स्थिति भी नक्सलियों की सेहत के लिए फायदेमंद रही.
ओड़िशा सीमा से सटे इस इलाके के बीहड़ पहाड़ और घने जंगल नक्सलियों के लिए फायदेमंद रहे. यही कारण है कि घाटशिला, धालभूमगढ़ तथा चाकुलिया थाना क्षेत्र में नक्सली मांद में समा गये, परंतु इस थाना क्षेत्र में नक्सली दहाड़ रहे हैं. पुलिस को मारने के लिए घेराबंदी कर रहे हैं. इस क्षेत्र में नक्सली संगठन पुलिस के लिए एक चुनौती बना है.
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