दुमका/जामा:सांसद शिबू सोरेन ने दुमका में शुक्रवार को मयुराक्षी नदी पर नवनिर्मित नोनीहथवारी-बेदियाघाट के बीच बने उच्चस्तरीय पुल का उद्घाटन किया. इसके पूर्व उन्होंने भेमरी नदी पर हथवारी-कोल्हड़िया के बीच 11.36 करोड़ की लागत से बनने वाले 118.30 मी लंबे पुल की आधारशिला रखी. वहीं दुमका-भागलपुर मार्ग पर पुसारो नदी पर 2 करोड़ रुपये की लागत से बने पुल का उद्घाटन भी किया. इस दौरान मुख्य अतिथि के तौर पर सीएम हेमंत सोरेन व विशिष्ट अतिथि के तौर पर आरइओ मंत्री साइमन मरांडी मरांडी उपस्थित थे. सांसद शिबू सोरेन ने कहा : सरकार पुल-पुलिया और सड़क इसलिए बनवा रही है, ताकि गांवों तक विकास पहुंचे. बच्चे स्कूल-कॉलेज जा सके. बीमार लोगों को अस्पताल पहुंचाया जा सके. गांव में दुकानें खुलेंगी. बाजार बनेगा, तो आर्थिक खुशहाली आयेगी. सीएम हेमंत सोरेन ने भी कहा : गांवों के विकास के लिए सरकार प्रतिबद्ध है.
1992 से होता रहा था वोट बहिष्कार
मयुराक्षी नदी पर नोनीहथवारी-बेदियाघाट के बीच और भेमरी नदी पर हथवारी-कोल्हड़िया के लिए पुल निर्माण की मांग को लेकर 1992 से ही लगातार लोकसभा एवं विधानसभा चुनावों में वोट बहिष्कार इस इलाके के लोग करते रहे थे. वोट बहिष्कार की वजह से हर बार पांच बूथों में मतदान का प्रतिशत शून्य ही रहता था.
शहर की घटी दूरी, अब आयेगी खुशहाली
नोनी-हथवारी, बाघाकोल, भीखमपुर, गणोशडीह, बरमसिया, सकरीगली, चिगलपहाड़ी, उपरबहाल, निश्चितपुर, झंझरापहाड़ी, बेलूडाबर, कठलिया, चुटोनाथ,जरुवाडीह जैसे पचास गांवों के लोगों के लिए अब दुमका शहर की दूरी 4 किमी रह गयी है. पहले इन ग्रामीणों को काफी घुमावदार रास्ते से 14 से 16 किमी की दूरी तय कर दुमका आना होता था.
स्व दुर्गा सोरेन का नाम हुआ गायब!
28 अप्रैल 2012 को जब इस पुल की आधारशिला रखी गयी थी, तब तत्कालीन विभागीय मंत्री सह उपमुख्यमंत्री सुदेश महतो ने इस पुल का नामकरण पूर्व विधायक स्व दुर्गा सोरेन के नाम पर करने की घोषणा की थी. लेकिन उद्घाटन समारोह में स्व दुर्गा सोरेन के नाम को गौण कर दिया गया. वह भी तब, जब राज्य में सरकार का नेतृत्व खुद झामुमो कर रही है. इतना ही नहीं समारोह के दौरान मंच पर लगाये गये बैनर में छपे दुर्गा सोरेन सेतु को हरे रंग से ‘पोत’ दिया गया था. विभाग की ओर से बांटे गये आमंत्रण पत्र में भी इस पुल में स्व दुर्गा सोरेन के नाम का जिक्र था. पूरे समारोह में पूर्व विधायक स्व दुर्गा सोरेन का किसी ने नाम भी नहीं लिया. नोनीहथवारी-बाघाकोल में समारोह के दौरान जुटी भीड़ के बीच यह बात चरचा का विषय बनी रही.