रानीश्वर प्रखंड: क्षेत्र के एक शिक्षकवाला सभी स्कूलों के छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो रहा है़ ग्रामीण क्षेत्र के सरकारी स्कूलों में गरीब घर के छात्रों का ही नामांकन है़ संपन्न परिवार के बच्चे प्राइवेट स्कूल में पड़ते हैं़ एक शिक्षकवाला स्कूल में जिस दिन शिक्षक किसी काम से स्कूल नहीं आते हैं़ उस दिन वहां के बच्चे शिक्षा पाने से वंचित हो जाते हैं.
आज गुरुवार को गोविंदपुर पंचायत के प्राथमिक विद्यालय लकड़ाबिंदा के शिक्षक किसी काम से स्कूल नहीं पहुंचने पर स्कूल में ताला लटक रहा था़ स्कूली बच्चे पास के मैदान में खेल रहे थे़ बच्चों ने बताया कि आज शिक्षक नहीं आये हैं़ समय दिन के 11:30 बज रहा था़ स्कूल में एमडीएम के लिए चूल्हा भी नहीं जला था़ वहां के संयोजिका मीता सोरेन ने बताया कि यहां एक ही शिक्षक यामिनी मोहन घोष प्रतिनियुक्त हैं.
वह एमडीएम के काम से बीआरसी गये हैं़ इसलिए आज स्कूल बंद है़ बच्चों के लिए खाना आज अपने घर पर ही बना कर स्कूल ले जाकर बच्चों को खाना खिला देंगे़ स्कूल का पुराना भवन जर्जर हो चुका है़ दो कमरे के नये भवन के एक कमरे में जहां रसोई का सामान रखा जाता है, उस कमरे में ग्रामीण बाजा का सामान रखा है़ लकड़ाबिंदा स्कूल जैसी रानीश्वर प्रखंड में दर्जनों स्कूल एक शिक्षकवाला स्कूल है़ .