दुमका: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा सोमवार को सीबीसीएस शिक्षा प्रणाली के समक्ष चुनौतियां एवं समाधान पर एक परिचर्चा का आयोजन आत्मा सभागार में किया गया. इसमें परिषद के प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव कुमार व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ एसएन सिंह उपस्थित थे. प्रदेश अध्यक्ष डॉ कुमार ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा 2015-16 से देश के सभी विश्वविद्यालयों में सीबीसीएस को लागू करने की योजना है.
च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के गुण और दोष पर चर्चा करते हुए बताया गया कि यह प्रणाली 2005 से ही जेएनयू, केरला, बीएचयू, उस्मानिया आदि विश्वविद्यालयों में लागू है और यूजीसी ने भी 2012 से ही इस प्रणाली को लागू करने का निर्देश दिया था. इस प्रणाली को झारखंड में लागू करना चुनौतीपूर्ण है.
जहां एक ओर यहां साक्षरता दर 53.6 प्रतिशत है, वहीं विश्वविद्यालयों में आधारभूत संरचना की कमी, विभागों में प्राध्यापकों की कमी, प्रयोगशाला, तृतीय व चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों की कमी आदि समस्याओं पर भी चर्चा की गई. कार्यक्रम का संचालन नगर अध्यक्ष डॉ संजीव कुमार ने किया. मौके पर संयोजक मितेश कुमार साह, राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य रवि कुमार, प्रदेश सह मंत्री गुंजन मरांडी, विभाग संगठन मंत्री दुर्गेश कुमार, प्राध्यापक डॉ कलानंद ठाकुर, डॉ अमरनाथ झा, डॉ डीएन गोराई, डॉ अजय शुक्ला, प्रो हशमत अली, प्रो हनीफ, प्रो अनुज आर्य, डॉ धनंजय मिश्रा, प्रो विनोद सिन्हा, प्रो स्वतंत्र कुमार सिंह, प्रो प्रशांत, प्रो राजीव सिंह, प्रो राजीव रंजन सिन्हा आदि थे.