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दिल्ली की देह मंडी में छह साल तक बिकती रही दुमका की बेटी, उसके बाद…

दुमका : झारखंड की उपराजधानी दुमका की एक एक बेटी छह साल तक दिल्ली की देह मंडी में बिकती रही. दिल्ली से लौटने के बाद पाकुड़िया की इस बालिका को सीडब्ल्यूसी के समक्ष प्रस्तुत किया गया. उसने सीडब्ल्यूसी को बताया कि दिल्ली स्थित मादीपुर सब्जी मंडी के पास भाड़े के घर में प्लेसमेंट एजेंसी चलानेवाले […]

दुमका : झारखंड की उपराजधानी दुमका की एक एक बेटी छह साल तक दिल्ली की देह मंडी में बिकती रही. दिल्ली से लौटने के बाद पाकुड़िया की इस बालिका को सीडब्ल्यूसी के समक्ष प्रस्तुत किया गया. उसने सीडब्ल्यूसी को बताया कि दिल्ली स्थित मादीपुर सब्जी मंडी के पास भाड़े के घर में प्लेसमेंट एजेंसी चलानेवाले साहिल ने पहले तो एक महीने तक उसका यौन शोषण किया. काफी विरोध करने पर उसे तीन साल के कॉन्ट्रैक्ट पर शिल्की आहूजा, डब्ल्यू 50, रजौरी गार्डन के घर पर काम पर लगा दिया.

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कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने के बाद पुनः इसे अपना ऑफिस सह आवास ले आया था. वहां कई और लड़कियां थीं. साहिल फिर से जबरन उसका यौन शोषण करने लगा. विरोध करने पर मारपीट भी करता था. कुछ दिनों बाद इसे फिर से सरोजिनी गार्डन में रहनेवाली मिनी मैडम के घर काम पर लगा दिया गया.

इसके एवज में मजदूरी भी साहिल ले लेता था. मिनी काफी अच्छी थी, जिसने उसकी गुजारिश पर उसे घर भेजने के लिए तैयार हो गयी. उसी के बुटीक में टेलर का काम करनेवाले दुमका जिला के रहनेवाले सिजाउद्दीन मिर्जा ने भी इसे घर भिजवाने में काफी मदद की. उन्होंने अपने ससुर के माध्यम से सीडब्ल्यूसी चेयरपर्सन को सुबोध यादव के माध्यम से जानकारी दी.

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सीडब्ल्यूसी दुमका के चेयरपर्सन अमरेंद्र यादव ने बताया कि बालिका केवल अपना गांव और बगल के एक गांव का नाम बता पा रही थी. सीडब्ल्यूसी ने सामाजिक कार्यकर्ता सच्चिदानंद सोरेन, मंगल मुर्मू, प्रेम प्रकाश मुर्मू, बबलू मुर्मू, गुलशन मुर्मू के सहयोग से बालिका के पिता को खोज निकाला, जो पाकुड़िया थाना क्षेत्र का निकला.

बच्ची के हित को देखते हुए इसे पहले सुरक्षित वापस लाने के लिए फोन से मिनी से वार्ता होने पर सामाजिक सहयोग से उनके पिता एक परिचित के साथ दिल्ली गये. इस बीच, साहिल को इसकी भनक मिल गयी, तो उसने मिनी को धमकी दी कि वे उसे घर नहीं भेजें. वह उसके अंदर काम करती है. धमकी की परवाह किये बिना मिनी ने साहिल को बाकि रुपये न देकर बालिका के पिता को कुछ रुपये देकर घर भेज दिया.

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बालिका और उसके पिता ने सहयोग के लिए समिति और सभी लोगों को धन्यवाद दिया. बालिका अपने पिता के साथ उपस्थित होकर समिति से न्याय की गुहार लगायी. समिति ने सभी आवश्यक कार्रवाई पूरी करते हुए इस वाद को उसके गृह जिला पाकुड़ सीडब्ल्यूसी को रेफर करने का निर्णय लिया. सुनवाई में चेयरपर्सन अमरेंद्र कुमार, सदस्य शकुंतला दुबे, रमेश प्रसाद साह व रंजन कुमार सिन्हा शामिल थे.

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