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धनबाद के सरकारी स्कूलों में आधी-अधूरी पढ़ाई के बीच कक्षा 1 से 7वीं तक की अर्द्धवार्षिक परीक्षा शुरू

धनबाद जिला के सरकारी विद्यालयों में आधी-अधूरी पढ़ाई और अव्यवस्था के बीच बुधवार से प्राथमिक और मध्य विद्यालय की कक्षा एक से सातवीं तक की अर्द्धवार्षिक परीक्षा जिस तरह शुरू हुई, उससे एक सवाल उठता है कि हम कैसा भविष्य गढ़ रहे हैं.

धनबाद, मनोज रवानी : बच्चों को देश का भविष्य कहा जाता है. इनकी शिक्षा अच्छी होगी तो देश आगे बढ़ेगा. इस विचार को पूरी दुनिया मानती है. लेकिन धनबाद जिला के सरकारी विद्यालयों में आधी-अधूरी पढ़ाई और अव्यवस्था के बीच बुधवार से प्राथमिक और मध्य विद्यालय की कक्षा एक से सातवीं तक की अर्द्धवार्षिक परीक्षा जिस तरह शुरू हुई, उससे एक सवाल उठता है कि हम कैसा भविष्य गढ़ रहे हैं. इन बच्चों का भविष्य कैसा होगा. इस मामले में जवाबदेहों को भी खुद से इस तरह के सवाल पूछने की जरूरत है. बुधवार को पहली और दूसरी कक्षा की मौखिक परीक्षा हुई. वहीं अन्य कक्षाओं के लिए प्रथम पाली में गणित व दूसरी पाली में पर्यावरण अध्ययन, संस्कृत/उर्दू/बांग्ला/ओड़िया की परीक्षा ली गयी. उत्क्रमित उच्च विद्यालय बेहराकूदर में प्रथम पाली की परीक्षा 52 मिनट विलंब से शुरू हुई.

यहां बेंच-डेस्क की कमी के कारण कक्षा एक से पांचवीं तक के बच्चों को जमीन पर बैठा कर परीक्षा लेनी पड़ी. शहर के राजकीयकृत मध्य विद्यालय टेंपल रोड में लाइट की व्यवस्था नहीं होने के कारण अंधेरे में बैठ कर बच्चे परीक्षा देते दिखे. मध्य विद्यालय भटमुड़ना में बच्चों को बरामदे में बैठा कर परीक्षा ली गयी. मध्य विद्यालय बलियापुर, उर्दू मध्य विद्यालय सिंगियाटांड़, पांडेयडीह स्कूल में गणित का प्रश्न पत्र नहीं मिलने पर प्रथम पाली में संस्कृत व दूसरी पाली में उर्दू की परीक्षा ली गयी. यह खुलासा तब हुआ, जब प्रभात खबर की टीम बुधवार को परीक्षा की स्थिति जानने के लिए अलग-अलग परीक्षा केंद्रों पर पहुंची. इस तरह का हाल एक विद्यालय का नहीं, बल्कि जिले के कई विद्यालयों का था.

प्रश्न-पत्र का कराना पड़ा जेराॅक्स

उपस्थिति अच्छी होने के कारण कई स्कूलों में प्रश्न-पत्र कम पड़ गये. राजकमल नर्सरी मध्य विद्यालय चंदौर में प्रश्न-पत्र कम पड़ गया. इसकी जानकारी पदाधिकारियों को दी गयी, तो उन्हें जेरॉक्स कराने का सुझाव दे दिया. नहीं तो बीआरसी आकर ले जाने को कहा गया. इस कारण परीक्षा समय पर शुरू नहीं हो सकी. बाद में प्रश्न पत्र का जेरॉक्स करा कर परीक्षा ली गयी.

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28402 छात्र रहे अनुपस्थित

सरकारी विद्यालयों में कक्षा एक से सातवीं तक में एक लाख 87 हजार 931 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं. प्रथम पाली की परीक्षा में गणित व दूसरी पाली में कक्षा छठी व सातवीं के संस्कृत की परीक्षा ली गयी है. परीक्षा में एक लाख 59 हजार 529 विद्यार्थी शामिल हुए. वहीं 28 हजार 402 विद्यार्थी अनुपस्थित रहे.

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