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विधायक ढुलू मामले में अभियोजन नहीं ला सका गवाह खबरें अदालत की

धनबाद : सरकारी काम में बाधा पहुंचाने व पुलिस पर हमला करने के एक मामले की सुनवाई बुधवार को अपर जिला व सत्र न्यायाधीश बारह सैयद सलीम फातमी की अदालत में हुई. अदालत में भाजपा के बाघमारा विधायक ढुलू महतो गैर हाजिर थे. उनके अधिवक्ता ललन किशोर प्रसाद ने दंप्रसं की धारा 317 का आवेदन […]

धनबाद : सरकारी काम में बाधा पहुंचाने व पुलिस पर हमला करने के एक मामले की सुनवाई बुधवार को अपर जिला व सत्र न्यायाधीश बारह सैयद सलीम फातमी की अदालत में हुई. अदालत में भाजपा के बाघमारा विधायक ढुलू महतो गैर हाजिर थे. उनके अधिवक्ता ललन किशोर प्रसाद ने दंप्रसं की धारा 317 का आवेदन दायर किया. अभियोजन की ओर से अदालत में कोई गवाह प्रस्तुत नहीं किया गया. अदालत ने साक्ष्य के लिए अगली तिथि 6 जून 17 तय की है.

क्या है मामला : बीसीसीएल के गोविंदपुर क्षेत्र संख्या-3 कार्यालय में 4 सितंबर 06 को टेंडर होना था. एरिया प्रबंधक के आवेदन पर पुलिस एरिया कार्यालय में मुस्तैद थी. करीब डेढ़ बजे ढुलू महतो दो सौ समर्थकों के साथ वहां आये. पुलिस ने उन्हें समझाकर वापस कर दिया. आधे घंटे बाद रणविजय सिंह भी समर्थकों के साथ आये. उन्हें भी पुलिस ने लौटा दिया. करीब साढ़े तीन बजे फिर ढुलू समर्थकों के साथ आये. सूचना पाकर डीएसपी सदलबल पहुंचे. तभी ढुलू समर्थकों ने डीएसपी की गाड़ी पर पथराव कर दिया.
इससे ड्राइवर विजय कुमार महतो, सहायक अवर निरीक्षक रामधारी उरांव, हवलदार रजनीकांत, आरक्षी मनोज कुमार पासवान जख्मी हो गये. धर्माबांध ओपी प्रभारी आनंद कुमार सिंह के स्वलिखित बयान पर बाघमारा (धर्माबांध) थाना में कांड संख्या 419/06 दर्ज किया गया था.
असिस्टेंट प्रोफेसर (पति) समेत तीन के खिलाफ कोर्ट ने लिया संज्ञान
दहेज प्रताड़ना के मामले में न्यायिक दंडाधिकारी शिखा अग्रवाल की अदालत ने बुधवार को आरोपित इंडियन स्कूल ऑफ माइंस धनबाद के असिस्टेंट प्रोफेसर कौशिक मजूमदार (पति), मंजूश्री मजूमदार (सास) व बैशाखी मजूमदार (ननद) के खिलाफ भादवि की धारा 498 (ए) व डीपी एक्ट की धारा 4 के तहत संज्ञान लेकर शिकायतकर्ता आनंदिता सरकार को समन दाखिल करने का आदेश दिया. शिकायतकर्ता की ओर से अधिवक्ता देवीशरण सिन्हा व देवाशीष बनर्जी ने पैरवी की
. विदित हो कि आनंदिता सरकार (आद्रा) जिला पुरुलिया की शादी 5 फरवरी 15 को कौशिक मजूमदार के साथ हुई थी. शादी के बाद आनंदिता के ससुरालवाले दहेज में स्वीफ्ट कार मांगने लगे. जब उसने असमर्थता जतायी तो 21 मार्च 16 को आनंदिता को उसके पति ने मारपीट कर घर से निकाल दिया. वह अपने मायके चली गयी. 28 फरवरी 17 को आनंदिता (शिकायकर्ता) ने अपने अधिवक्ता के मार्फत मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में शिकायतवाद संख्या 558/17 दर्ज कराया.
थानेदार व एएसआइ पर किया मुकदमा
सुदामडीह की रहनेवाली रूमा देवी ने बुधवार को न्यायिक दंडाधिकारी शिखा अग्रवाल की अदालत में अपने अधिवक्ता के मार्फत शिकायतवाद दायर कर सुदामडीह के थाना प्रभारी रामेश्वर उपाध्याय व सहायक अवर निरीक्षक ओम कुमार मिश्रा पर घर में घुस कर मारपीट व छेड़खानी करने का आरोप लगाया है. उसने शिकायतवाद में कहा है कि 25 मार्च 17 को ग्यारह बजे दिन में दोनों आरोपी उसके घर आये और उसके पति को खोजने लगे. जब उसने बताया कि वह घर में नहीं हैं तब वे लोग उसके साथ मारपीट करने लगे. एएसआइ ने उसके साथ छेड़खानी की. 22 मई 17 को रात आठ बजे पुन: दोनों आरोपी उसके घर में घुसकर गाली गलौज करने लगे.
भरत शर्मा कोर्ट में हुए हाजिर पर नहीं हो सकी गवाही
फर्जी कागजात के सहारे आयकर रिटर्न भरने के दो विभिन्न मामलों की सुनवाई बुधवार को अवर न्यायाधीश एमके त्रिपाठी की अदालत में हुई. अदालत में आरोपी भोजपुरी गायक भरत शर्मा हाजिर थे. लेकिन आयकर विभाग के अधिवक्ता मुख्तार अहमद ने अभियोजन की ओर से कोई गवाह प्रस्तुत नहीं किया. अब इस मामले में सुनवाई 24 जून 17 को होगी. ज्ञात हो कि भरत शर्मा के खिलाफ अदालत ने 13 जनवरी 16 को गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. उनके विरुद्ध कुर्की का इश्तेहार 3 मार्च 17 को जारी किया जा चुका था. अदालत ने मंगलवार को उन्हें जमानत दे दी थी. शिकायतवाद के मुताबिक वित्तीय वर्ष 1998-99, 1999-2000 के दौरान भरत शर्मा ने फर्जी कागजात के आधार पर एक लाख तीन हजार रुपये का रिटर्न क्लेम किया था. इस अवधि में भरत ने अपनी कुल कमाई 75400 रुपये बतायी थे. वहीं केस नंबर 11/05 में मुताबिक वित्तीय वर्ष 2001-02 के दौरान उसने अपनी आय एक लाख चार हजार चालीस रुपये बतायी. जबकि फर्जी टीडीएस के सहारे एक लाख 73 हजार 480 रुपये का रिटर्न क्लेम किया. जांच में खुलासा हुआ था कि भरत शर्मा ने जो कागजात सुपर कैसेट इंडस्ट्रीज के सौंपे थे वह कंपनी द्वारा निर्गत ही नहीं किये गये थे. ज्ञात हो कि इसके पूर्व भरत शर्मा की पत्नी बेबी देवी को निचली अदालत से फर्जी तरीके से रिटर्न क्लेम के एक मामले में सजा हो चुकी है. ऊपरी अदालत ने भी सजा बरकरार रखी है. फिलहाल वह फरार है.
ऑपरेशन में लापरवाही : डॉक्टर पर सवा लाख का जुर्माना
जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष नित्यानंद सिंह, सदस्यद्वय पुष्पा सिंह व नरेश प्रसाद सिंह की तीन सदस्यीय पीठ ने बुधवार को डॉ उमाशंकर सिंह न्यू केशलपुर कतरास बाजार पर सवा लाख रुपये जुर्माना किया है. फोरम ने यह फैसला परिवादी निमियाघाट (गिरिडीह) निवासी मो. असदुल्ला के पक्ष में किया है. डॉ उमाशंकर सिंह को साठ दिनों के अंदर सेवा मेें त्रुटि के लिए परिवादी को एक लाख पच्चीस हजार रुपये जुर्माना भुगतान करने को कहा गया है. तय समय में भुगतान नहीं करने पर साढ़े बारह फीसदी वार्षिक ब्याज की दर से भुगतान करना होगा. फोरम ने वाद खर्च एवं मानसिक परेशानी के लिए अलग से दस हजार रुपये का भुगतान करने का आदेश भी दिया.
क्या है मामला : परिवादी मो. असदुल्ला पेट दर्द का इलाज कराने डॉ उमा शंकर सिंह के क्लिनिक में आया था. डॉक्टर ने मरीज का कई टेस्ट कराने के बाद उसके पेट का ऑपरेशन किया. ऑपरेशन 14 जनवरी 2014 को किया लेकिन क्लिनिक में एडमिशन की तारीख 7 जनवरी 14 लिखा गया. डॉक्टर ने फीस व अन्य चार्ज के रूप में पचास हजार रुपये लिये. उसकी कोई रसीद नहीं दी और न दवा के पुर्जे पर हस्ताक्षर किया. मरीज की स्थिति ऑपरेशन के बाद बिगड़ने लगी तो वह बीजीएच बोकारो गया. वहां से डॉक्टरों ने अपोलो रांची रेफर कर दिया. जहां डॉक्टरों ने दुबारा मरीज के पेट का ऑपरेशन किया. इसमें तीन लाख रुपये खर्च हुए. परिवादी (मरीज) ने 2 मई 14 को उपभोक्ता फोरम में वाद संख्या 62 /14 दायर किया था.

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