श्री मांझी ने बताया कि करीब 50 प्रतिशत शिक्षक-शिक्षिकाओं के प्रमाण-पत्रों की जांच हो चुकी है. जल्द ही शेष शिक्षक-शिक्षिकाओं के प्रमाण-पत्रों की भी जांच कर ली जायेगी. सनद हो कि वर्ष 2016 में हुई नियुक्ति में बड़ी संख्या में फर्जी टेट प्रमाणपत्र मिलने के बाद पिछले वर्ष की नियुक्ति की टेट प्रमाणपत्रों की जांच का निर्णय लिया गया था.
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प्रारंभिक स्कूलों में शिक्षक नियुक्ति की शुरू हुई जांच
धनबाद: प्रारंभिक स्कूलों में वर्ष 2015 में हुई शिक्षक नियुक्ति की जांच गुरुवार से शुरू हो गयी. पहले दिन बाघमारा, झरिया, बलियापुर, गोविंदपुर व तोपचांची प्रखंड के शिक्षक-शिक्षिकाओं की शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) प्रमाण-पत्रों की जांच हुई. तीन सदस्यीय जांच टीम में डिप्टी डीएसइ लीला उपाध्याय, क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी दिलीप कुमार मांझी व बीइइओ दिलीप […]
धनबाद: प्रारंभिक स्कूलों में वर्ष 2015 में हुई शिक्षक नियुक्ति की जांच गुरुवार से शुरू हो गयी. पहले दिन बाघमारा, झरिया, बलियापुर, गोविंदपुर व तोपचांची प्रखंड के शिक्षक-शिक्षिकाओं की शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) प्रमाण-पत्रों की जांच हुई. तीन सदस्यीय जांच टीम में डिप्टी डीएसइ लीला उपाध्याय, क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी दिलीप कुमार मांझी व बीइइओ दिलीप कुमार शामिल हैं.
पहली से पांचवीं कक्षा तक के लिए हुई थी बहाली : वर्ष 2015 में पहली से पांचवीं कक्षा तक के लिए (इंटर प्रशिक्षित) पदों पर बहाली हुई थी. इसमें उर्दू शिक्षक के 224 पदों में 102 एवं सामान्य शिक्षक के 993 पदों में 777 शिक्षकों की नियुक्ति की गयी थी. गैर पारा कोटि में सामान्य शिक्षक के 497 में 388 एवं पारा कोटि में 496 में 389 की नियुक्ति हुई थी. गैर पारा कोटि में उर्दू शिक्षकों के 112 पदों में 54 एवं पारा कोटि में 112 में 48 शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी. इधर वर्ष 2016 में हुई नियुक्ति में अभी भी कई शिक्षकों के मैट्रिक, इंटर एवं स्नातक के प्रमाणपत्र का सत्यापन होना बाकी है, जो बिहार विद्यालय परीक्षा समिति, पटना व अन्य बोर्ड व विवि के हैं.
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