धनबाद: कांग्रेस नेता सुरेश सिंह हमलाकांड में मंगलवार को अपर जिला व सत्र न्यायाधीश तृतीय अशोक कुमार पाठक की अदालत में सुनवाई हुई. साक्षी रणविजय सिंह ने अपनी गवाही दी.
उसने अदालत को बताया कि 19 मई 04 को हम, सुरेश सिंह व संतोष सिंह बुलेट प्रूफ वाहन से कोर्ट से अपने घर जा रहे थे. वाहन में मेरा सरकारी अंगरक्षक आगे की सीट पर बैठा था. जब वाहन बरटांड़ जयप्रकाश नगर के पास पहुंचा, तभी सामने से एक सिल्वर रंग की गाड़ी वहां आकर रूकी. इसी दौरान गोली व बम बरसने लगा. गाड़ी बुलेट प्रूफ होने से हमलोगों की जान बच गयी. हमलोगों ने पीछे मुड़ कर देखा कि चार से पांच हमलावर भाग रहे थे. वे कौन थे मैं नहीं पहचान सका. बाद में लोगों के बीच चरचा में यह सुना कि रामधीर सिंह व उसके कुछ सहयोगी इस कांड में थे. घटना के बाद हमलोग सुरेश सिंह के आवास गये. वहां से एसपी को फोन किया गया. यह सुरेश सिंह (अब दिवंगत) की लिखित शिकायत में दर्ज है.
उनके हस्ताक्षर को पहचानता हूं. केस के आइओ ने दंप्रसं की धारा 164 के तहत मेरा बयान न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में दर्ज कराया. सुनवाई के वक्त पुलिस ने जेल में बंद आरोपी जैनेंद्र कुमार सिंह उर्फ पिंटू सिंह को पेश कराया. शेष आरोपी गिरधारी सिंह, विकास सिंह, राहुल कुमार, मुन्ना सिंह, छोटू सिंह व दुर्गाचरण सिंह गैर हाजिर थे. उनकी ओर से अधिवक्ता ने दंप्रसं की धारा 317 का आवेदन दाखिल किया. 22 दिसंबर 08 को विजय प्रसाद चौरसिया नामक साक्षी का बयान अदालत में कलमबद्ध कराया गया था. केस के आइओ हिमांशुचंद्र मांझी ने 12 नवंबर 04 को रामाधीर सिंह को छोड़ कर शेष आरोपियों के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल किया. अब इस मामले की सुनवाई चार मार्च को होगी. अदालत ने 6 सितंबर 08 को आरोपियों के विरुद्ध आरोप तय किया. अभियोजन की ओर से एपीपी सीएस प्रसाद व बचाव पक्ष से समर श्रीवास्तव ने पैरवी की.
डॉ सबा अहमद हमलाकांड में बयान दर्ज
बिहार के पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ सबा अहमद पर उग्रवादियों द्वारा किये गये हमले के मामले की सुनवाई मंगलवार को एडीजे तृतीय एके पाठक की अदालत में हुई. अदालत में आरोपी शेख अकबर, छोटन सिंह, प्रमोद टुडू,रामचंद्र राणा व पितांबर महतो उपस्थित थे. सुनवाई के दौरान अदालत में दंप्रसं की धारा 313 के तहत आरोपियों का बयान दर्ज किया. जिसे सभी ने इनकार किया. 29 अक्टूबर 2000 को शाम पांच बजे टुंडी थाना क्षेत्र के केंदुआटांड़ मैदान में फुटबॉल का फाइनल मैच का आयोजन किया गया था. पूर्व मंत्री को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था. पुरस्कार वितरण के बाद चारों तरफ से उग्रवादियों ने मंच को घेर कर फायरिंग शुरू कर दिया. इससे भगदड़ मच गयी. गोलीबारी से पुलिस जवान गिरधारी लाल,अशोक कुमार सिंह, भोला सिंह व राजकुमार पांडेय मारे गये. जबकि मंत्री का अंगरक्षक किस्टो प्रकाश मरांडी व समसुद्दीन खान घायल हुए थे. पुलिस ने मरांडी़ के बयान पर प्राथमिकी दर्ज की. अदालत ने बहस की तिथि 21 फरवरी तय की है. इस केस में सबा अहमद, आइओ रतन कुमार, दारोगा अजय सिंह व समसुद्दीन खान की गवाही हो चुकी है. सभी ने घटना की पुष्टि नहीं की.