धनबाद: देश आजाद हुए 69 वर्ष हो चुके हैं और इस लंबी समय में साक्षरता दर में भी इजाफा हुआ. सरकार ने करोड़ों रुपये खर्च किये. लोक शिक्षा केंद्र खोले गये, बावजूद आज भी जिले के करीब 4,82,322 लोग निरक्षर हैं. इसमें निरक्षर महिलाओं की संख्या करीब 3,07,050 एवं पुरुष निरक्षर लगभग 1,75,876 हैं. जिले में साक्षरता अभियान वर्ष 1990 में शुरू हुआ, लेकिन लेकिन इसे रफ्तार वर्ष 1993 में मिली.
दो अक्तूबर 1993 से जिले के पांच पंचायतों में पायलट के रूप में साक्षरता अभियान की शुरुआत हुई. इसमें बाघमारा के महुदा, कुमारडीह, धनबाद के पुटकी, टुंडी के चेपकिया एवं निरसा के मेड़ा पंचायत शामिल थे. वर्ष 1994 में अभियान से करीब 50 हजार स्वयंसेवक जुड़े. वर्तमान में यह अभियान जिले के 383 पुराने पंचायतों में चल रहा है, जिसमें 129 पंचायत नगर निगम क्षेत्र में आ गये हैं. जिला साक्षरता वाहिनी के अध्यक्ष उपायुक्त एवं सचिव डीइओ होते हैं. इसी तरह सभी प्रखंडों में बीडीओ अध्यक्ष व बीइइओ सचिव होते हैं.
साक्षर भारत कार्यक्रम का उद्देश्य व लक्ष्य : 15 से अधिक आयु वर्ग के असाक्षरों को बुनियादी साक्षरता कौशल के साथ-साथ कार्यात्मक साक्षरता प्रदान करना है, नवसाक्षरों की पढ़ाई-लिखाई में निरंतरता बनाये रखने एवं औपचारिक शिक्षा प्रणाली के समतुल्य योग्यता हासिल करने का अवसर प्रदान करना, नवसाक्षरों के जीवन एवं आय के स्तर को बढ़ाने के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण का आयोजन करना एवं नवसाक्षरों को आजीवन पढ़ने का अवसर उपलब्ध कराना एवं पढ़ाकू समाज का निर्माण करना है. लक्ष्य के तौर पर वर्ष 2017 तक 80 प्रतिशत साक्षरता दर प्राप्त लाना है, महिला-पुरुष साक्षरता दर के अंतर को न्यूनतम 10 प्रतिशत तक लाना है.
अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर आज कई कार्यक्रम
अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर गुरुवार को न्यू टाउन हॉल में रैली एवं समारोह का आयोजन किया जायेगा. इसमें सभी प्रखंडों के सभी पंचायतों में गठित लोक शिक्षा केंद्रों के प्रेरकों व सह प्रेरकों एवं साक्षरता कर्मी भाग लेंगे. रैली को सुबह 11 बजे उपायुक्त हरी झंडी दिखायेंगे, जो एलसी रोड होते हुए वापस लौटेगा. दोपहर एक से चार बजे तक कार्यक्रम होंगे.
जिला के 1,69,731 लोगों को किया गया साक्षर
2012 से लेकर अगस्त 2016 तक कुल 169731 को साक्षर किया गया. इसमें पुरुष 25460 एवं महिलाएं 144271 हैं. वर्ष 2011 में हुई जनगणना के अनुसार जिले की कुल आबादी 2684478 थी, जिसमें 1278531 महिलाएं एवं 1405959 पुरुष थे. तब कुल साक्षरता दर 75.71 थी, जिसमें महिला साक्षरता दर 64.70 एवं पुरुष साक्षरता दर 85.68 थी. कुल साक्षर आबादी 2032425 और साक्षरता दर 75.71 थी. इसमें महिला साक्षर आबादी 827210 एवं दर 64.70 थी. वहीं पुरुष साक्षर आबादी 1204623 एवं दर 85.68 थी. 2012 से लेकर अगस्त 2016 तक कुल 169731 होने के बाद वर्तमान में जिले में कुल साक्षर आबादी 2200156 व साक्षरता दर 81.95 है. इसमें महिला साक्षर आबादी 971481 व साक्षरता दर 75.98 और पुरुष साक्षर आबादी 1230083 व साक्षरता दर 87.49 है.
1998-99 में राष्ट्रपति ने दिया था अवार्ड
राष्ट्रीय साक्षरता मिशन के तहत धनबाद जिला सम्मानित भी हुआ है. वर्ष 1998-99 में आउटस्टैंडिंग परफॉरमेंस के लिए सत्येन मैत्रा मेमोरियल नेशनल लिटरेसी अवार्ड तत्कालीन राष्ट्रपति केआर नारायणन से मिला था. पुरस्कार दिल्ली के विज्ञान भवन में आठ सितंबर 1999 में प्रदान किया गया था. हालांकि झारखंड बनने के बाद से ऐसा सम्मान नहीं मिला है.