धनबाद: आइपीएल सट्टेबाजी में बेटाकुलर नामक एप्स का उपयोग किया जाता था. उसी एप्स के सहारे सट्टेबाज सट्टा लगता था. यह खुलासा शुक्रवार को एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने की. अपने कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने बताया कि उक्त एप्स का इस्तेमाल करने वाले दो सट्टेबाजों को आज जेल भेज दिया गया. डीएसपी (विधि-व्यवस्था) धीरेंद्र बंका के नेतृत्व में गठित टीम ने पुटकी थाना क्षेत्र के करकेंद बाजार से बबलू कुमार साव व कुमारधुबी नीचू धौड़ा से अरुण कुमार को गिरफ्तार किया गया था.
एसएसपी ने बताया कि डायरी में मिले नाम व नंबर को फिलहाल गुप्त रखा गया है. इस पर गंभीरता से जांच की जा रही है. इसमें संलिप्त सफेदपोशों को शिकंजे में लेने की तैयारी की जा रही है. पुलिस टीम सटोरियों के मुख्य सरगना को ढूंढने में लगी है. इससे पहले भी सुबला गार्डेन सरायढेला से एक और चिरकुंडा गांजागली से एक, कुल दो को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है.
1.20 लाख रुपये व कई एटीएम कार्ड बरामद : पुलिस को मौके पर से एक लाख 20 हजार 91 रुपए, कई बैंकों के 12 पासबुक, सात एटीएम कार्ड, बैंक ऑफ इंडिया, इलाहाबाद बैंक सहित कई बैंकों के आठ चेकबुक, 11 मोबाइल, एक कैलकुलेटर, एक बड़ी डायरी, छोटी डायरी बरामद हुई है. छोटी डायरी में शहर के बाहर के कुछ लोगों का नाम लिखा है. एक कॉपी, कॉपी का एक फटा हुआ पन्ना, जिसमें रफ किया हुआ हिसाब, छाेटी पॉकेट डायरी भी बरामद हुई. डायरी में कुछ लोगों का मोबाइल व फोन नंबर लिखा हुआ था.
क्या होता है बेटाकुलर: यह एक एेसा सॉफ्टवेयर है, जिसमें सिर्फ मैच के समय एक सिक्युरिटी कोड डालने के बाद ही सट्टा लगाया जा सकता है. इसमें हर बॉल पर सट्टा लगाया जाता था.
ये एक मोबाइल एप्स है, जिसको दूसरे एप्स की तरह लोड करना पड़ता है. इसके बदले एक मोटी रकम देनी पड़ती है. इसके बाद यह मोबाइल संचालक को एक सिक्युरिटी कोड मिलता है, जिसे डालने के बाद एप्स सक्रिय हो जाता है. इससे पूर्व में तोता लिंक द्वारा सट्टाबाजी को संचालित किया जाता था. तोता लिंक व बेटाकुलर में सिर्फ फर्क इतना है कि तोता लिंक में मैच की हर गतिविधि को देख कर सट्टा लगाया जाता है, वहीं बेटाकुलर में मैच की हर बॉल पर सट्टा लगाया जाता है.
सीआइडी जांच के लिए की गयी है मांग: पत्रकारों द्वारा पूछे जाने पर कि शहर में दो बड़े खुलासे हुए हैं. इसमें और क्या-क्या हो सकता है, पर एसएसपी ने कहा कि टॉल टैक्स पर फरजी प्रमाण पत्र बनाने व आइपीएल सट्टाबाजी में सीअाइडी जांच के लिए मैंने पुलिस मुख्यालय को लिखा है.