धनबाद: हाउसिंग कॉलोनी निवासी मीरा ओझा इस साल 50 वें वर्ष छठ पूजा कर रही हैं. उनका विवाह 1964 में विमला ओझा से हुआ था, और उसी साल से पूजा की शुरुआत की थी. उस वक्त उम्र करीब 14 वर्ष थी और आज 64 वर्ष की हैं.
उम्र के साथ श्रद्धा है कि बढ़ती ही जा रही है. वह बताती हैं कि वह हर साल चैती छठ भी करती हैं और इस पर्व पर अटूट विश्वास है. आज की पीढ़ी छठ करना ही नहीं चाहती. वह चाहती है कि ये परंपरा अब मेरी बहू बनाये रखे. वहीं पति श्री ओझा बताते हैं कि कई बार तबीयत खराब रहती है, पर वह नहीं मानती. कई बार अपने गांव नासरीगंज (रोहतास) जाकर भी छठ पूजा की. इससे पहले मेरी मां छठ करती थीं. बेटा विनोद ओझा व बहू राखी ओझा दूसरे शहर में रहते हैं.
जबकि बेटे विनय ओझा व बहू पूजा ओझा बताते हैं कि महंगाई चरम पर है. सामान की कीमतें आसमान पर हैं, लेकिन यह हमारे घर की परंपरा है, जो हर हाल में निभाना ही है. महंगाई के कारण सामान थोड़ा कम लें भी, लेकिन शुद्धता का पूरा ख्याल रखना होता है.