धनबाद: स्वास्थ्य मंत्री की कड़ाई के कारण शुक्रवार को सिविल सजर्न डॉ अरुण कुमार सिन्हा ने मेडिकल ऑफिसर डॉ एके सिंह को सदर प्रखंड का चिकित्सा पदाधिकारी बनाया. इससे पहले यह जिम्मा डॉ आलोक विश्वकर्मा पर था.
झारखंड राज्य चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने इस मामले पर 27 अक्तूबर को धनबाद दौरे पर आये स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र प्रसाद सिंह ने वार्ता की थी.
संघ ने मांग कि थी कि सदर प्रखंड में पूर्णकालिक चिकित्सक नहीं हैं. डॉ आलोक विश्वकर्मा को मंडल कारा में प्रतिनियुक्त किया गया है. श्री विश्वकर्मा पर सदर प्रखंड में चिकित्सा प्रभारी, अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र केंदुआ, शहरी परिवार कल्याण केंद्र का भी जिम्मा है. संघ का कहना था कि सीएस कार्यालय में कई ऐसे चिकित्सक हैं, जो बैठ कर तनख्वाह लेते हैं, जबकि डॉ विश्वकर्मा पर चार-चार जगहों का प्रभार है.
सीएस का उदासीन रवैया : संघ ने सीएस डॉ अरुण कुमार सिन्हा के रवैया की भी आलोचना की थी. 27 अक्तूबर को मंत्री के आदेश के बाद भी सीएस ने इस पर उदासीन रवैया बरकरार रखा. संघ के अशोक कुमार सिंह एनआरएचएम कर्मियों की मांगों को लेकर 30 अक्तूबर को रांची में मंत्री से मिले तो मंत्री को दोबारा अवगत कराया. इसके बाद मंत्री ने फोन कर सीएस को कड़ी चेतावनी दी. इसके बाद शुक्रवार को आदेश पत्र बना कर डॉ एके सिंह को सदर प्रखंड का चिकित्सा पदाधिकारी बनाया गया. प्रभारी सीएस अरुण कुमार सिन्हा ने इसकी पुष्टि की है.