धनबाद: बीसीसीएल के मुख्यालय समेत तमाम इकाइयों मे वर्कर्स कमेटी गठित नहीं होने पर उप मुख्य श्रमायुक्त (केंद्रीय) ने शो-कॉज किया है. इसकी पुष्टि कंपनी के महाप्रबंधक (कार्मिक) डीए यादव ने की.
दूरभाष से संपर्क किये जाने पर उन्होंने कहा कि गठन करने के लिए हमने सभी एरिया को निर्देश दे दिया है. अभी बाहर हैं. लौटते हैं तो प्रगति देखेंगे. उप मुख्य श्रमायुक्त कार्यालय के अनुसार कमेटी गठन को गंभीरता से नहीं लेने वाले बीसीसीएल के चार एरिया के महाप्रबंधकों के खिलाफ औद्योगिक अधिनियम के तहत मुकदमा हुआ है. और दो-तीन के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की तैयारी चल रही है.
क्या है मामला : औद्योगिक अधिनियम के तहत बीसीसीएल की सभी इकाइयों में वर्कर्स कमेटी का गठन जरूरी है. उद्देश्य औद्योगिक सौहाद्र्र और कार्य संस्कृति बनाये रखना है. अधिकतम 20 सदस्य होंगे. प्रबंधन और कर्मियों की भागीदारी 50-50 प्रतिशत होगी. सदस्यों का चुनाव वोट से होगा. कार्यकाल दो वर्षो के लिए होगा. चुनाव की व्यवस्था प्रबंधन को करनी है. बीसीसीएल ने इस संबंध में छूट की गुहार लगायी थी.
लेकिन श्रम मंत्रलय ने इसे स्वीकार नहीं किया. वर्कर्स कमेटी में चेयरमैन, उप चेयरमैन, सचिव और संयुक्त सचिव होंगे. चेयरमैन प्रबंधन का प्रतिनिधि या उस इकाई का हेड होगा. उप चेयरमैन कर्मियों की तरफ से होगा. जानकारों का कहना है कि कमेटी गठन से ट्रेड यूनियनों का असर कम हो जायेगा. फिलहाल बीसीसीएल में 55 मजदूर संगठन सक्रिय हैं.