गुजरात के आणंद की तर्ज पर धनबाद में दूध-दही की नदियां बहाने का सपना 2005-06 में तत्कालीन उपायुक्त बीला राजेश ने देखा था. बाद में सपना हकीकत में बदलने की कोशिश हुई. शहर के भूदा में करोड़ रुपये खर्च कर धनबाद डेयरी खुली. लेकिन डेयरी कभी भी सुचारू रूप से काम नहीं कर सकी. एक बार फिर डेयरी पर 2.67 करोड़ खर्च किये जा रहे हैं. क्या यह डेयरी सचमुच में दूध-दही की नदियां बहाने में कारगर हो पायेगी, भविष्य इसका जवाब देगा. डर है कि कहीं यह चंद लोगों के लिए दुधारू गाय न बन जाये.
धनबाद: बंद धनबाद डेयरी प्लांट को फिर से शुरू किया जायेगा. मत्स्य एवं पशुपालन मंत्री मन्नान मल्लिक की पहल के बाद धनबाद डेयरी का कायाकल्प किया जा रहा है. 2.67 करोड़ की लागत से 20 हजार लीटर का प्लांट बैठाया जायेगा. दूध को ठंडा करने के लिए नयी टेक्नोलॉजी अमोनिया गैस सिस्टम लगाया जा रहा है. रंग रोगन का काम पूरा हो गया है. प्लांट एक्सटेंशन की विभागीय प्रक्रिया चल रही है. सब कुछ ठीक ठाक रहा तो तीन माह के अंदर प्लांट शुरू हो जायेगा.
2 अक्तूबर को होगा उद्घाटन : डेयरी को सुचारु रूप से चलाने के लिए जिला गव्य विकास व बेफ का कार्यालय बन कर तैयार हो गया है. मत्स्य एवं पशुपालन मंत्री मन्नान मल्लिक 2 अक्तूबर को दोनों कार्यालय का उद्घाटन करेंगे. प्लांट एक्सटेंशन का शिलान्यास उसी दिन रखा जायेगा. इस अवसर पर दुग्ध उत्पादन सम्मेलन का भी आयोजन किया जायेगा.
जिले में होंगे 14 दूध पार्लर : मेधा डेयरी दूध व अन्य प्रोडक्ट के लिए जिले में 14 दूध पार्लर होंगे. आवेदन की प्रक्रिया चल रही है. तीन काउंटर का एलॉटमेंट हो चुका है. शेष 11 काउंटर का एलॉटमेंट की प्रक्रिया चल रही है. हालांकि पिछले साल ही लाखों खर्च कर 14 पार्लर बनाये गये थे. कुछ पार्लर जजर्र हो चुके हैं.
बलियापुर व गोविंदपुर में बनेगा कलस्टर : डेयरी चलाने के लिए प्रखंड स्तर पर कलस्टर बनाया जायेगा. प्रथम चरण में बलियापुर व गोविंदपुर प्रखंड का चयन किया गया है. डेयरी की देखरेख में बैंक से कलस्टर को गाय दिया जायेगा. उस कलस्टर से दूध एकत्रित कर डेयरी लाया जायेगा. यहां पाच्युराइजेशन व पैकिंग के बाद बाजार में उपलब्ध कराया जायेगा.