धनबाद : रांची के रिम्स की तर्ज पर पीएमसीएच में भी सजर्री आइसीयू का काम शुरू हो गया है. इस आइसीयू में कई अत्याधुनिक मशीनें लगायी जा रही हैं. इसमें 12 बेड रहेंगे. सब कुछ ठीक-ठाक रहा, तो एक माह के अंदर लोगों को इसकी सुविधा मिलने लगेगी. इस बाबत सजर्री विभाग के एचओडी डॉ डीपी भदानी ने बताया कि गरीब मरीजों को इससे काफी राहत मिलेगी. मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के निर्देशों को देखते हुए इसे बनाया जा रहा है.
अंग खराब होने से बचाया जायेगा : किसी भी दुर्घटना या हादसे के बाद मरीज की मौत होने के प्रमुख कारणों में से एक है अंगों का खराब या क्षतिग्रस्त हो जाना है. वहीं इंफेक्शन लेबल का भी बढ़ जाना एक कारण है. सजर्री आइसीयू की सबसे बड़ी खासियत यह है कि अंगों को खराब या क्षतिग्रस्त होने से बचाया जा सकेगा. गंभीर से गंभीर मरीज का यहां तत्काल ऑपरेशन किया जा सकेगा. मशीनों की कमी से इससे पहले कई मरीजों को रेफर कर दिया जाता था.
पीएमसीएच पहुंची बायोमीट्रिक मशीन
लंबे समय के बाद पीएमसीएच में बायोमीट्रिक मशीनें अस्पताल पहुंच गयी है. दो-चार दिनों में इसके लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी. दूसरी ओर, मशीन लगने को लेकर डय़ूटी से बीच-बीच में गायब रहने वाले चिकित्सक व कर्मचारियों में बेचैनी बढ़ने लगी है. अभी से ही बहाना बनाना भी शुरू कर दिया है. एक चिकित्सक का कहना है कि उन्हें हर्ट का प्रॉब्लम है, इस कारण वह इस मशीन से हाजिरी नहीं बनायेंगे. वहीं काम करने वाले कई चिकित्सक व कर्मी उपस्थिति दर्ज कराने की बायोमीट्रिक पद्धति की सराहना कर रहे हैं.
धनबाद : माडा में एसीपी की बैठक बुधवार को तीसरी बार टल गयी. एसीपी कमेटी के दो मुख्य पदाधिकारी टीएम प्रमोद कुमार व सचिव प्रमोद कुमार की अनुपस्थिति के कारण बैठक नहीं हो सकी. यह जानकारी माडा सचिव परवेज इब्राहिमी ने दी है. बताया कि अगली बैठक के लिए अभी तिथि तय नहीं हुई है.
आठ सौ कर्मियों से जुड़ा है मामला : कुल 1600 कर्मियों में से 852 कर्मियों को इसका लाभ मिलना है. बाकी कर्मी पहले से यह लाभ पा रहे हैं.
क्या है परेशानी : सचिव परवेज इब्राहिमी ने बताया कि आर्थिक तंगी में कर्मियों का तीस माह का वेतन बकाया रखने वाली माडा ह्यआमदनी अठन्नी खरचा रुपैया वाली कहावत की स्थिति में है. सभी कर्मियों को एसीपी का लाभ दिये जाने पर करोड़ों का एरियर के साथ-साथ हर माह 50-60 लाख का अतिरिक्त बोझ माडा पर पड़ेगा. ऐसे में मौजूदा आय से मुश्किल से कर्मियों का वेतन जुटा पाने वाली माडा प्रबंधन उक्त अतिरिक्त बोझ कैसे उठायेगी. ऐसे कर्मियों की हक की उक्त मांग के प्रति प्रबंधन व प्रशासन जहां उदासीन है, वहीं कर्मी आर्थिक स्थिति चाहे जो भी हो उक्त लाभ लेने के लिए आंदोलनरत है. इस मामले को लेकर 25 अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल का भी आह्वान किया गया है.
क्या कहता है प्रबंधन : एमडी डॉ रवींद्र सिंह का कहना है कि प्रबंधन कर्मियों का यह हक देने में कोई कोताही नहीं बरतना चाहती. हालांकि यह लाभ देने में कुछ तकनीकी व नीतिगत परेशानियां हैं, जो सरकार को पूरी करनी है. सचिव परवेज इब्राहिमी का कहना है कि बाहर रहने के चलते वह एसीपी की बैठक में शामिल नहीं हो सकें. वह भी चाहते हैं कि हर कर्मियों को एसीपी का लाभ मिले.