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अधिवक्ताओं ने किया न्यायिक कार्यो का बहिष्कार
धनबाद : उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद कोर्ट परिसर में दारोगा द्वारा अधिवक्ता की गोली मार कर हत्या किये जाने के विरोध में शुक्रवार को स्टेट बार काउंसिल के निर्देश पर व्यवहार न्यायालय के सभी अधिवक्ता न्यायिक कार्यो से अलग रहे. इस कारण हजारों वादों का विचारण नहीं हो सका. कोर्ट का पूरा काम ठप हो […]
धनबाद : उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद कोर्ट परिसर में दारोगा द्वारा अधिवक्ता की गोली मार कर हत्या किये जाने के विरोध में शुक्रवार को स्टेट बार काउंसिल के निर्देश पर व्यवहार न्यायालय के सभी अधिवक्ता न्यायिक कार्यो से अलग रहे. इस कारण हजारों वादों का विचारण नहीं हो सका.
कोर्ट का पूरा काम ठप हो गया. सरकार को राजस्व की क्षति भी हुई. प्रतिदिन की भांति अधिवक्ता कोर्ट आये, लेकिन अपने मुवक्किलों की ओर से कोई पैरवी नहीं की. धनबाद बार के अध्यक्ष कंसारी मंडल व महासचिव देवी शरण सिन्हा ने इस एकजुटता के लिए अधिवक्ताओं को बधाई दी. अधिकारीद्वय ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार को दिवंगत अधिवक्ता के परिजनों को 50 लाख रुपये मुआवजा देना चाहिए. घटना घटित होने के बाद भी आरोपित दारोगा के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं होना दुर्भाग्य की बात है.
इस मामले में न्यायालय को स्वत: संज्ञान लेना चाहिए था. यदि यूपी सरकार ने इस मामले को गंभीरता से नहीं ली तो बाध्य होकर बार काउंसिल ऑफ इंडिया व स्टेट बार काउंसिल रांची पूरे देश में न्यायिक कार्य को ठप करा सकती है. वहीं दूसरी ओर बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने देश के सभी व्यवहार न्यायालयों के अधिक्ताओं से 16 मार्च 15 को अपने को न्यायिक कार्यो से अलग रखने की अपील की है.
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