धनबाद: शिक्षा बच्चों का अधिकार है. बच्चों के अंदर छिपी प्रतिभा को उभार कर उन्हें सर्व गुण संपन्न बनाना है. इसके लिए शिक्षकों को आजीवन विद्यार्थी बने रहने की आवश्यकता है, तभी बच्चों का सर्वागीण विकास होगा.
ये बातें एनसीइआरटी के पूर्व निदेशक डॉ महेश पंत ने प्राचार्यो से कही. वह शनिवार को राजकमल सरस्वती विद्या मंदिर में कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने प्राचार्यो को शिक्षण एवं प्रबंधन के कई टिप्स दिये. तीन दिवसीय कार्यशाला के दूसरे दिन शनिवार को विभिन्न विषयों पर पांच सत्र हुए. कार्यशाला का समापन रविवार को सुबह ग्यारह बजे होगा.
कार्यशाला में थे मौजूद : विद्या भारती उत्तर पूर्व क्षेत्र के क्षेत्रीय संगठन मंत्री दिवाकर घोष, विद्या भारती के राष्ट्रीय मंत्री रमेंद्र राय, सह सचिव कृपा शंकर शर्मा, विद्या विकास समिति झारखंड के प्रदेश मंत्री शशिकांत द्विवेदी, लोक शिक्षा समिति बिहार के प्रदेश सचिव दिलीप कुमार झा, प्रचार-प्रसार प्रमुख सुजाता श्रीवास्तव, तापसी राय एवं विभिन्न विद्यालयों के प्रधानाचार्य.