धनबाद: स्नातक प्रतिष्ठा में सीधे नामांकन प्रक्रिया अपनाये जाने से शहर के बड़े अंगीभूत कॉलेजों में नामांकन की बाढ़ सी आ गयी है तो सुदूर ग्रामीण इलाके के कॉलेजों में नामांकन के लाले पड़ गये हैं.
कहां क्या स्थिति : जिले में कुल सात अंगीभूत कॉलेज हैं. सीधा नामांकन के कारण पीके राय कॉलेज, एसएसएलएनटी महिला कॉलेज तथा आरएसपी कॉलेज झरिया में ही बस नामांकन की मारामारी है, बाकी के चार कॉलेजों में नामांकन गिनती के हो रहे हैं. इन कॉलेजों में एक तो पहले ही नामांकन कम हुआ करता था, ऊपर से सीधे नामांकन की प्रक्रिया ने तो मानो इनकी कमर ही तोड़ दी.
क्या है बदलाव : पहले पीके राय, एसएसएलएनटी तथा आरएसपी कॉलेज झरिया में स्नातक में प्रतिष्ठा के लिए कटऑफ तय होता था. सूची के आधार पर बेहतर अंक वाले सीमित छात्रों का ही नामांकन हो पाता था. पहले किसी विषय में प्रतिष्ठा के लिए न्यूनतम 45 प्रतिशत अंक जरूरी था. अब न्यूनतम प्राप्तांक पर सभी के लिए दरवाजे खुल गये हैं. नामांकन की बाढ़ वाले तीनों कॉलेजों में यह आकर्षण है कि यहां पीजी तक की पढ़ाई हो होती है. ऐसे में सुदूर ग्रामीण इलाके के छात्र सिंदरी व कतरास की बजाय धनबाद व झरिया आकर नामांकन ले रहे हैं.
नामांकन का आंकड़ा तक नहीं : पीके राय कॉलेज, एसएसएलएनटी व आरएसपी कॉलेज में कितना नामांकन हुआ, उसका आंकड़ा तक कॉलेज प्रबंधन के पास उपलब्ध नहीं है. नामांकन पूरा होने के बाद यह गिनती होगी.
चौंकाने वाली स्थिति : अनुमान के आधार पर मिले आंकड़े कहते हैं कि एसएसएलएनटी में एक फिजिक्स में टीचर पर स्नातक प्रतिष्ठा में 150 – 200 के बीच नामांकन हो चुका है. पीके राय में यह आंकड़ा 300 पार कर रहा है. जबकि सिंदरी कॉलेज में अब तक केवल तीन छात्रों का नामांकन हुआ है. कतरास कॉलेज में यह संख्या दस से बीस के बीच है. बाकी विषयों में भी कमोबेश यही स्थिति है.