धनबाद: भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व सांसद राज किशोर महतो ने कहा है कि झारखंड कोई ट्रायबल स्टेट नहीं है. यहां किसी गैर आदिवासी को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए.
रविवार को यहां प्रभात खबर से बातचीत में श्री महतो, जो झारखंड आंदोलन के पुरोधा स्व. बिनोद बिहारी महतो के पुत्र हैं, ने कहा कि झारखंड में आदिवासियों की संख्या केवल 26 फीसदी है. अगर परिसीमन हो जाये तो राज्य में आदिवासियों के लिए आरक्षित सीटों की संख्या 28 से घट कर 21 रह जायेगी. कुछ ट्रायबल नेता यह जताने की कोशिश कर रहे हैं कि झारखंड में आदिवासियों की संख्या अधिक है. यह हकीकत नहीं है. राज्य गठन के बाद अब तक सिर्फ आदिवासी सीएम ही बनते रहे. लेकिन राज्य का समुचित विकास नहीं हो पाया. एक बार गैरआदिवासी को भी मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए. राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा को किसी को मुख्यमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट नहीं करना चाहिए. चुनाव बाद ही मुख्यमंत्री का नाम तय होना चाहिए. प्रोजेक्ट करने से नुकसान भी हो सकता है.
टुंडी से लड़ने को तैयार
सिंदरी से एक बार विधायक रह चुके श्री महतो ने कहा कि वह इस बार टुंडी से चुनाव लड़ने को तैयार हैं. अपनी भावनाओं से पार्टी नेतृत्व को अवगत करा दिया है. भाजपा पिछले ढाई दशक से टुंडी सीट नहीं जीत पायी है. वह टुंडी में कमल खिलाने के लिए मैदान में उतरना चाहते हैं. साथ ही बिना किसी का नाम लेते हुए कहा कि भाजपा नेतृत्व को दल-बदलू नेताओं को टिकट नहीं देना चाहिए. राजनीति में नौकरशाहों की बढ़ती रुचि के बारे में कहा कि उनकी नजर में यह गलत है. नौकरशाह मूलत: जनता के विरोधी रहते हैं. राजनीति में आते ही तुरंत टिकट देना गलत है. इससे वर्षो पार्टी का झंडा ढोने वाले कार्यकर्ता निराश होते हैं. पार्टी नेतृत्व को इस बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए.