धनबाद: आइएसएम में ऑन स्पॉट नामांकन को लेकर मंगलवार को छात्र-छात्राओं की भारी भीड़ जुटी. सुबह 11.00 से शुरू हुआ नामांकन देर शाम तक चला. 70 सीट को छोड़ सभी सीट लगभग भर गये. संस्थान के सीनियर फैकल्टी प्रो. टीएच शाहीद ने बताया कि करीब 250 स्टूडेंट्स नामांकन के लिए पेनमैन हॉल में पहुंचे थे. इसमें अधिकांश को पर्याप्त कागजात या टॉप 20 परसेंटाइज न रहने की स्थिति में छांट दिये गये.
आज भी नामांकन : प्रो शाहीद ने बताया कि बची सीट पर बुधवार को भी पेनमैन हॉल में नामांकन होगा. ऑन स्पॉट नामांकन के लिए अतिरिक्त रूप से आइटीआइ की कोई गाइडलाइन नहीं थी. नामांकन के लिए आवश्यक कागजातों की जानकारी वेबसाइट पर पहले ही जारी कर दिया गयी थी.
क्या रहा सीन : सुबह में 9.00-11.00 के ऑन स्पॉट के लिए बीच स्टूडेंट्स ने रिपोर्ट की. 11.00 बजे के बाद नामांकन शुरू हुआ. टीसी और माइग्रेशन नहीं रहने पर करीब 40 स्टूडेंट्स को लौटा दिया गया. अधिकांश दूसरे इंस्टीट्यूट में नामांकन लेने के बाद ऑन स्पॉट का लाभ लेने यहां आये थे. उनके पास संबंधित इंस्टीट्यूट का पत्र था, जिसमें लिखा था उनका कागजात संबंधित संस्थान में जमा है. नामांकन को ले पेनमैन हॉल में सुरक्षा की पूरी व्यवस्था थी. बंद हॉल में अभ्यर्थी के अलावा किसी को भी अंदर जाने की इजाजत नहीं थी.
नामांकन नहीं होने पर धनबाद निवासी दीपक कुमार अपनी शिकायत लेकर डीसी प्रशांत कुमार से मिला. उसने बताया कि 2013 के ज्वाइंट इंट्रेंस के आधार पर एनआइटी जमशेदपुर में नामांकन ले अध्ययरत है. 2014 में उसने आइआइटी जेइइ से मेन व एडवांस दोनों निकाला. एडवांस में उसे एससी में 2330 रैंक है. जबकि आइएसएम ने साढ़े चार हजार रैंक तक के अभ्यर्थी को आमंत्रित किया है. उनके पास अपना तमाम मूल प्रमाण पत्र था. टीसी, कैरेक्टर व माइग्रेशन की मूल प्रति एनआइटी जमशेदपुर के मेटलर्जिकल एंड मैटेरियल इंजीनियरिंग विभाग में जमा है. संस्थान का यह लिखित रहने के बाद भी प्रो टीएच शाहीद ने उसका दावा खारिज कर दिया. मामले में उपायुक्त ने कुल सचिव एमके सिंह से बात भी की, लेकिन संस्थान ने उनके नामांकन के बारे में असमर्थता व्यक्त की. दीपक ने बताया कि चेक लिस्ट फॉर्म में लिखा है कि ऑरिजनल प्रमाण पत्र स्टूडेंट्स 30 सितंबर तक जमा कर सकते हैं, फिर भी उनका नामांकन नहीं लिया गया. इस संबंध में प्रो. टीएच शाहीद ने बताया कि संस्थान को मूल प्रमाण पत्र चाहिए. उन्हें किसी संस्थान की सत्यापित प्रति से कोई मतलब नहीं. नामांकन प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता बरती गयी है.