32 शहरों के लिए बनेगा मास्टर प्लान, नगर विकास विभाग ने निकाला टेंडर
अगले 25 वर्षो की जनसंख्या को ध्यान में रख कर किया जायेगा भूमि का इस्तेमाल
धनबाद को एक सुव्यवस्थित शहर बनाने की कवायद शुरू हो गयी है. मिलेनियम सिटी का दर्जा मिलने के बाद पहली बार धनबाद नगर निगम एवं चिरकुंडा निकाय क्षेत्र के लिए मास्टर प्लान बनाया जायेगा. इसके लिए जल्द ही मास्टर प्लानर नियुक्त होंगे. नगर विकास सचिव अजय कुमार सिंह के अनुसार धनबाद शहर को नया लुक देने का प्रयास किया जा रहा है. अगले 25 वर्षो के दौरान धनबाद की क्या जनसंख्या होगी तथा किस तरह शहर को विकसित किया जा सकता है. इस पर मास्टर प्लानर योजना तैयार कर नगर विकास विभाग को सौंपेगा. धनबाद नगर निगम एवं चिरकुंडा नगर पंचायत के लिए अलग-अलग मास्टर प्लानर नियुक्त किये जायेंगे.
धनबाद/रांची : नगर विकास विभाग द्वारा मास्टर प्लान बनाने के लिए आमंत्रित किये जा रहे टेंडर में सभी शहरों की परिधि भी निर्धारित की गयी है. धनबाद को छोड़ कर शेष शहरों की सीमा में 0.5 किमी से एक किमी तक का विस्तार करते हुए मास्टर प्लान तैयार कराया जा रहा है. वहीं, धनबाद शहर की परिधि में तीन किमी का विस्तार किया गया है.
शहरों की वर्तमान आबादी के आधार पर भविष्य का खाका खींचा जा रहा है. प्रतिवर्ष आबादी में 10 से 15 फीसदी की बढ़ोतरी को आधार मानते हुए मास्टर प्लान बनाने के निर्देश जारी किये गये हैं. जिन शहरों का मास्टर प्लान तैयार कराया जा रहा है, उनमें धनबाद ही सबसे अधिक जनसंख्या वाला शहर है.
परामर्शी कंपनी की शुरू हुई खोज
राज्य के 32 शहरों का मास्टर प्लान बनाने के लिए परामर्शी कंपनी की खोज शुरू कर दी गयी है. नगर विकास विभाग ने इसके लिए टेंडर आमंत्रित किया है. विभाग ने मेदिनीनगर, मंङिायाव, विश्रमपुर, हुसैनाबाद, गढ़वा, लातेहार, हजारीबाग, चतरा, गिरिडीह, झुमरी तिलैया, मधुपुर, साहेबगंज, दुमका, राजमहल, वासुकीनाथ, गोड्डा, पाकुड़, कोडरमा, लोहरदगा, बुंडू, खूंटी, गुमला, सिमडेगा, चाईबासा, चक्रधरपुर, सरायकेला, चाकुलिया, धनबाद, चिरकुंडा, मिहिजाम, जामताड़ा व फुसरो का मास्टर प्लान तैयार करने के लिए टेंडर आमंत्रित किया है. राज्य सरकार द्वारा केंद्र से मदद लेकर शहरों का मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है. मास्टर प्लान में अगले 25 वर्षो की जनसंख्या को ध्यान में रख कर भूमि का इस्तेमाल निर्धारित किया जायेगा.