धनबाद: भारतीय नागरिक को बांग्लादेशी बताकर बक्सर जिले के कोरानसराय थाना में केस दर्ज कर गिरफ्तार करने व पासपोर्ट एक्ट के दुरुपयोग के मामले में पूर्व थानेदार-सह-रिटायर्ड दारोगा गिरिजेश कुमार को धनबाद थाना की पुलिस ने गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया. बक्सर पुलिस ने उनके खिलाफ कोर्ट से निर्गत वारंट धनबाद थाना भेजा था. रिटायर्ड दारोगा को ले जाने के लिए बक्सर पुलिस यहां पहुंच गयी है. गिरिजेश ने वरीय अधिकारियों पर गिरफ्तारी का कारण नहीं बताने व र्दुव्यवहार करने का आरोप लगाया है. वह अपनी गिरफ्तारी को साजिश बता रहे हैं.
क्या है मामला : वर्ष 1990 में गिरिजेश बक्सर जिले के कोरानसराय थाना प्रभारी थे. सअनि मो निजामुद्दीन खां का पारिवारिक विवाद था. सअनि के प्रभाव में आकर उन्होंने चार-पांच लोगों पर बांग्लादेशी नागरिक होने का मामला दर्ज किया. जबकि नामजद सभी देश के नागरिक थे.
पुलिस ने पांचों को गिरफ्तार किया, लेकिन जनदबाव के आगे मुक्त करना पड़ा. मामले में नामजद असफाक खां ने कोर्ट में सरेंडर कर जमानत ली. केंद्रीय गृह मंत्रलय समेत अन्य एजेंसी की जांच व असफाक की ओर से प्रस्तुत कागजात से पुष्टि हुई कि वह भारतीय नागरिक है. तत्कालीन एसपी परेश सक्शेना की रिपोर्ट टू ने कथित बंगलादेशी नागरिकों के विरुद्ध दर्ज मामले को असत्य करार दिया गया. मामले में संबंधित थाना में पासोपर्ट एक्ट के दुरुपयोग, भ्रष्टाचार निरोध अधिनियम समेत अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया, जिसमें दारोगा गिरजेश व निजामुद्दीन को अभियुक्त बनाया गया.
पहले भी चर्चा में रहे हैं गिरिजेश
वर्ष 1985 बैच के एसआइ गिरिजेश धनबाद में सात-आठ वर्ष पूर्व तत्कालीन एसपी शीतल उरांव से विवाद के बाद भी खासे चर्चा में आये थे. वह बरवाअड्डा व ईस्ट बसुरिया में थानेदार रह चुके हैं. गिरिजेश ने एसपी पर थानेदार बनाने के लिए पैसे लेने का आरोप लगाया था. एसपी आवास में हंगामा करने के मामले में गिरिजेश के खिलाफ विभागीय कार्रवाई चली जिसमें उन्हें कंपलसरी रिटायरमेंट मिल गया. गिरिजेश के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. गिरिजेश ने भी कोर्ट में एसपी शीतल उरांव, तत्कालीन डीएसपी संजय रंजन सिंह, धनबाद थानेदार रामाशंकर सिंह के खिलाफ सीपी केस किया था. गिरिजेश के खिलाफ एक सीपी केस एससीएसटी एक्ट के तहत चल रहा है. मामले में उनकी कुर्की भी हुई थी.