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जोड़ापोखर : अच्छे दिन की सरकार में प्यास भी नहीं मिटती
जोड़ापोखर : जमाडा की लचर व्यवस्था व जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा के कारण झरिया व आसपास के क्षेत्रों में पर्याप्त जलापूर्ति नहीं हो पा रही है. इससे जनता परेशान है. यह सिलसिला पिछले तीन माह से है. आंशिक जलापूर्ति से कब मुक्ति मिलेगी, यह जनता की समझ से परे है. रोज लोग जलसंकट से जूझ रहे […]
जोड़ापोखर : जमाडा की लचर व्यवस्था व जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा के कारण झरिया व आसपास के क्षेत्रों में पर्याप्त जलापूर्ति नहीं हो पा रही है. इससे जनता परेशान है. यह सिलसिला पिछले तीन माह से है. आंशिक जलापूर्ति से कब मुक्ति मिलेगी, यह जनता की समझ से परे है. रोज लोग जलसंकट से जूझ रहे हैं.
आये दिन वाटर प्लांट में किसी न किसी तरह की तकनीकी समस्या उत्पन्न हो जाती है. इसके कारण दो तीन दिनों तक जलापूर्ति भी ठप हो जाती है.
लेकिन इसे देखने वाला कोई नहीं है. बताते हैं कि जमाडा से मात्र 240 एचपी के एक पंप के सहारे झरिया व आसपास के क्षेत्रों में आंशिक जलापूर्ति की जा रही है. पानी की समस्या से झरिया की जनता आजिज आ चुकी है.
माडा कर्मी क्या करें, सभी मोटर हैं जर्जर : माडा कर्मियों का कहना है कि वे क्या करें ? प्लांट के सभी मोटर पंप पुराने व जर्जर हो चुके हैं. उसमें आये दिन तकनीकी खराबी होती रहती है.
किसी तरह पंपों को जुगाड़ से चलाया जा रहा है. शिकायत करने के बाद भी माडा प्रबंधन ध्यान नहीं देता है. जल संयंत्र केंद्र जामाडोबा के 12 एमजीडी जल भंडारण गृह के छह मोटर पंपों में से पांच मोटर पंप खराब हैं.
पांच नंबर मोटर पंप के सहारे झरिया वासियों को फिलहाल आंशिक जलापूर्ति की जा रही है. जमाडा कर्मियों ने बताया कि 480 एचपी के दो मोटर पंप से झरिया में जलापूर्ति की जा रही थी. जो तीन माह से खराब है. दूसरा पंप भी शुक्रवार को खराब हो गया. उसे ठीक करने का प्रयास किया जा रहा है.
दो-चार दिनों में ठीक हो जायेगी व्यवस्था : विभाग
इस संबंध में जमाडा के जल कार्य निरीक्षक पंकज झा ने बताया कि मोटर हिट होने से खराब हुआ है. उसे जल्द ठीक कर लिया जायेगा. साथ ही, पूर्व में खराब हुए 480 एचपी मोटर को मरम्मत के लिए भेजा गया है. संभवत: दो चार दिनों में ठीक होकर आ जायेगा. उसके बाद से ही झरिया में सुचारु रूप से जलापूर्ति हो पायेगी.
छह माह में ठीक होने का आश्वासन देते हैं सांसद-विधायक
लोगों का कहना है कि झरिया में पानी समस्या दूर करने को लेकर विधायक व सांसद द्वारा छह माह से आश्वासन दिया जा रहा है. नेताओं द्वारा कहा जाता है डीपीआर तैयार हो गयी है.
झरिया के लोगों को जल्द पानी की समस्या से निजात मिलेगी. लेकिन सच्चाई यह है कि अभी तक कोई सकारात्मक पहल नहीं की गयी है.
जिला प्रशासन भी जमाडा की खराब स्थिति पर चुप है. जनता जाय तो जाये तो कहां?. झरिया की जनता डीपीआर पास होने व पुराने उपकरणों को बदल कर नये उपकरण लगने के इंतजार में हैं.
जामाडोबा जल संयंत्र का मोटर, पंप आदि जर्जर अवस्था में हैं. इसको लेकर विभाग से बातचीत हुई है. 15 दिन पूर्व नगर निगम को जमाडा वाटर बोर्ड में लगे मोटर, पंप आदि की नवीकरण के लिए बजट भेजा गया है. लागत करीब डेढ़ करोड़ है. उसके बाद ही जलापूर्ति सुचारू हो जायेगी.
अखिलेश सिंह, प्रतिनिधि, झरिया विधायक
22 दिसंबर को सांसद पीएन सिंह व मुख्यमंत्री के बीच झरिया के जलसंकट को लेकर वार्ता हुई थी. फिलहाल जलापूर्ति विभाग द्वारा जलकुंभी व शैवाल की सफाई की जा रही है. इसके कारण आंशिक जलापूर्ति हो रही है. समस्या का जल्द समाधान होगा.
अरिंदम बनर्जी, प्रतिनिधि, धनबाद सांसद
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