धनबाद : रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआइ) से पर्याप्त मात्रा में पैसे नहीं मिलने के कारण झारखंड और बिहार में पैसों की किल्लत बनी हुई है. यह स्थिति पिछले दो-तीन माह से है. अकेले एसबीआइ के झारखंड और बिहार स्थित करेंसी चेस्ट में लगभग 10,000 करोड़ रुपये की जरूरत होती है, लेकिन वर्तमान में लगभग 4,000 करोड़ रुपये ही करेंसी चेस्ट में शेष हैं.
इस कारण बैंकों और उनमें पहुंचने वाले ग्राहकों को काफी परेशानी हो रही है. इधर, जानकारों के अनुसार, एटीएम में बड़े नोट यानी 2,000 रुपये और 500 रुपये के नोट डालने के निर्देश दिये गये हैं. इस कारण बैंक शाखाआें से पैसे निकालने वाले ग्राहकों को भी परेशानी हो रही है. ऐसे ग्राहकों को 100 रुपये और 10 रुपये के नोट तक दिये जा रहे हैं. आग्रह करने पर 2,000 और 500 रुपये के नोट मिल रहे हैं.
आरबीआइ से ट्रक द्वारा एक बार पैसा मंगाने में खर्च होते हैं करीब पांच लाख रुपये : एक बार ट्रक से पैसा मंगाने में लगभग पांच लाख रुपये खर्च आता है. आरबीआइ से एक बार में 200 से 250 करोड़ रुपये नहीं मिलने के कारण झारखंड में पैसा भी नहीं मंगाया जा रहा है. किसी तरह एक बैंक दूसरे बैंक में फंड डायवर्सन करके काम चला रहे हैं.
ये हाल है!
पर्याप्त कैश नहीं मिलने से एसबीआइ और उसके ग्राहकों को हो रही परेशानी
एटीएम में बड़े
नोट डालने के निर्देश, बैकों में ग्राहकों को दिये
जा रहे छोटे नोट
आरबीआइ से पर्याप्त मात्रा में कैश नहीं मिल रहा है. एसबीआइ के करेंसी चेस्ट में लगभग 10,000 करोड़ रुपये की जरूरत होती है. जबकि, लगभग 4,000 करोड़ रुपये ही राशि शेष है. इस कारण काफी परेशानी हो रही है.
उमाकांत सिंह, अध्यक्ष, एसबीआइ ऑफिसर्स एसोसिएशन (बिहार-झारखंड)
1,500 के आसपास एटीएम हैं एसबीआइ के दोनों राज्यों में
झारखंड व बिहार में एसबीआइ के लगभग 1,500 एटीएम है. जबकि 1,600 से अधिक शाखाएं हैं. एक एटीएम में लगभग 40 लाख रुपये भरा जा सकता है. इस हिसाब से केवल एटीएम के लिए हर दिन लगभग 600 करोड़ रुपये की जरूरत है. लेकिन वर्तमान स्थिति यह है कैश की कमी के कारण आधे एटीएम ही भरे जा रहे हैं. इस कारण पैसे जल्दी खत्म हो रहे हैं. अधिकांश एटीएम जल्दी ही कैश आउट हो रहे हैं. रांची में ही एसबीआइ के लगभग 185 एटीएम हैं. बैंक अधिकारियों का कहना है कि डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के मकसद से कैश कम दिया जा रहा है.
शहर के अधिकतर एटीएम का शटर गिरा या लिंक फेल