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वासंतिक नवरात्र शुरू, माता रानी के दर्शन को उमड़े श्रद्धालु
धनबाद : रविवार को मंदिरों और घरों में कलश स्थापना के साथ वासंतिक नवरात्र प्रारंभ हो गया. नवरात्र के प्रथम दिन मां शैलपुत्री का आह्वान किया गया. शुभ मुहूर्त में भक्तों ने कलश स्थापित कर मां का आह्वान किया. या देवी सर्व भूतेषु मंत्रोच्चारण से पूजा स्थल गूंज उठा. शक्ति मंदिर में पंडित मुकेश पांडे […]
धनबाद : रविवार को मंदिरों और घरों में कलश स्थापना के साथ वासंतिक नवरात्र प्रारंभ हो गया. नवरात्र के प्रथम दिन मां शैलपुत्री का आह्वान किया गया. शुभ मुहूर्त में भक्तों ने कलश स्थापित कर मां का आह्वान किया. या देवी सर्व भूतेषु मंत्रोच्चारण से पूजा स्थल गूंज उठा. शक्ति मंदिर में पंडित मुकेश पांडे एवं राधे श्याम पांडे के आचार्यत्व में वैदिक मंत्रोच्चारण से कलश स्थापित किये गये. मां का आलौकिक शृंगार किया गया.
हरे बार्डर वाली मैरून साड़ी और लाल चुनरी से मां का शृंगार किया गया. ताजा फूलों से मां और मंदिर को सजाया गया. नवरात्र को देखते हुए मंदिर का पट सुबह पांच बजे खोल दिये जाते हैं. 25 अप्रैल को महाअष्टमी और रामनवमी की पूजा की जायेगी. नौ कुंवारी कन्याओं और एक भैरो बाबा की पूजा होगी. सभी कन्याओं को उपहार दिये जायेंगे. राम मंदिर जोड़ाफाटक में पंडित दिनेश शर्मा ने कलश स्थापना किया. 25 अप्रैल को महाअष्टमी और नवमी की पूजा की जायेगी.
कुंवारी कन्या का पूजन होगा. घर-घर में मां की आराधना की जा रही है. वेदाचार्य रमेश चंद्र त्रिपाठी बताते हैं कि नवरात्र में कुंवारी कन्याओं के पूजन का विशेष महत्व है. माता रानी के नौ रूपों की पूजा नौ कुंवारी कन्याओं के रूप में की जाती है. सोमवार को माता के ब्रह्मचारिणी रूप की पूजा की जायेगी. मां के इस रूप की पूजा श्वेत फूल से की जानी चाहिए. ऐसा करने से शक्ति की प्राप्ति होती है.
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