सीबीएसइ ने स्कूल आधारित परीक्षा को खत्म कर बोर्ड आधारित परीक्षा को ही अनिवार्य कर दिया है. इस वर्ष से परीक्षा में 80 प्रतिशत अंकों के लिए प्रश्न बोर्ड परीक्षा में होंगे. 20 प्रतिशत अंक ही आंतरिक परीक्षा के लिए होंगे. इसके साथ ही विद्यार्थियों को हर विषय में 80 में 33 अंक उत्तीर्ण होने के लिए लाना जरूरी होगा. आंतरिक परीक्षा में भी कुल 20 अंकों में 33 प्रतिशत अंक लाने अनिवार्य होंगे. इस तरह विद्यार्थियों को बोर्ड व आंतरिक दोनों परीक्षाओं में उत्तीर्ण होना जरूरी होगा.
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बोर्ड परीक्षा को ले स्कूलों में शुरू हुई स्पेशल क्लास
धनबाद: दसवीं एवं बारहवीं बोर्ड परीक्षा को लेकर पब्लिक स्कूलों ने स्पेशल कक्षाएं शुरू की हैं. कमोबेश हर स्कूल में औसत एवं कमजोर बच्चों की पहचान भी की जा रही है, ताकि उन्हें समय रहते बेहतर तैयारी करायी जा सके. स्कूलों का खास फोकस दसवीं बोर्ड परीक्षा पर है. वजह है इस वर्ष से केंद्रीय […]
धनबाद: दसवीं एवं बारहवीं बोर्ड परीक्षा को लेकर पब्लिक स्कूलों ने स्पेशल कक्षाएं शुरू की हैं. कमोबेश हर स्कूल में औसत एवं कमजोर बच्चों की पहचान भी की जा रही है, ताकि उन्हें समय रहते बेहतर तैयारी करायी जा सके. स्कूलों का खास फोकस दसवीं बोर्ड परीक्षा पर है. वजह है इस वर्ष से केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसइ) की ओर से बोर्ड परीक्षा ली जायेगी. इससे पहले विद्यार्थियों के पास दो विकल्प थे कि वे स्कूल आधारित परीक्षा देना चाहते हैं या बोर्ड आधारित परीक्षा.
ऐसी करायी जा रही तैयारी : स्पेशल क्लास में कमजोर बच्चों को आसान चैप्टर पर फोकस करने को कहा जा रहा है. हर एक-दो चैप्टर की पढ़ाई पूरी करने के बाद एक टेस्ट ली जा रही है. वहीं ब्राइट स्टूडेंट्स के लिए अधिक अंकों वाले चैप्टर एवं अन्य महत्वपूर्ण चैप्टर पर फोकस किया जा रहा है, ताकि वे और अधिक अंक ला सकें. स्पेशल क्लास के लिए स्कूलों ने एक रूटीन भी बना ली है, ताकि छुट्टी के दिनों में भी ऐसे स्पेशल कक्षाएं संचालित हो सके.
बच्चे पढ़ाई के प्रति सीरियस हों
बच्चों को बोर्ड परीक्षा की प्रैक्टिस करायी जा रही है, ताकि उन्हें पता चल जाये कि बोर्ड परीक्षा कैसे होगी. इसका फायदा ही बच्चों को होगा. बच्चों में पढ़ाई के प्रति रुचि बढ़ेगी, वे सीरियस होंगे. बीच में दसवीं तक की पढ़ाई बिल्कुल हल्की हो गयी थी. बच्चों के लिए स्पेशल क्लासेज भी शुरू की है.
डॉ केसी श्रीवास्तव, डीएवी कोयलानगर
औसत एवं कमजोर दोनों बच्चों की बेहतर तैयारी के लिए स्पेशल कक्षाएं शुरू की है. दसवीं में इस बार से जो बोर्ड परीक्षा होने जा रही है, उसके अपने लाभ भी हैं. पहले परीक्षा में जिस चैप्टर से प्रश्न नहीं पूछे जाते थे, उससे भी प्रश्न होंगे.
डॉ राजेश कुमार सिंह, राजकमल सविमं
30 नवंबर तक सिलेबस पूरा किया जायेगा. इसके बाद यह स्पेशल क्लास चलायी जायेगी. पूरे दिसंबर तक क्लास चलेगी. बच्चों के दो ग्रुप बनायेंगे, जिसमें एक ब्राइट एवं दूसरा वीक स्टूडेंट्स के लिए होगा. 12वीं कक्षा के लिए टेस्ट होंगे. दसवीं में पहले भी कभी स्कूल बेस्ड एग्जाम बच्चों ने नहीं दिया है.
शर्मिला सिन्हा, उप प्राचार्य, दिल्ली पब्लिक स्कूल
हॉस्टल के बच्चों के लिए स्पेशल क्लासेज चल रहे हैं. बाकी बच्चों का एसेसमेंट टेस्ट चल रही है, जिसके परिणाम के आधार पर स्पेशल क्लास चलाये जायेंगे. इसके लिए अलग रूटीन बनायी जायेगी.
आरपी तिवारी, सेंट जेवियर्स इंटरनेशनल स्कूल
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