नीरज हत्याकांड. क्या पंकज की गिरफ्तारी से होगा साजिशकर्ता का पर्दाफाश?
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अब तक 11 पर कानूनी शिकंजा, 10 जेल में, अब नामवर की तलाश
नीरज हत्याकांड. क्या पंकज की गिरफ्तारी से होगा साजिशकर्ता का पर्दाफाश? धनबाद : पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्याकांड में प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से शामिल 11 लोगों पर कानूनी शिकंजा कस चुका है. 10 लोग जेल में हैं. अब यूपी के मोस्ट वांटेड संतोष उर्फ नामवर की तलाश पुलिस को […]
धनबाद : पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्याकांड में प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से शामिल 11 लोगों पर कानूनी शिकंजा कस चुका है. 10 लोग जेल में हैं. अब यूपी के मोस्ट वांटेड संतोष उर्फ नामवर की तलाश पुलिस को है. संतोष पर हत्या की योजना के दौरान पंकज व अन्य के साथ रहने और तथ्यों की सूचना देने का आरोप है. संतोष को काफी दिनों से यूपी पुलिस खोज रही है. संतोष व पंकज को यूपी के माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी का करीबी बताया जाता है. दोनों झरिया विधायक संजीव सिंह के साथ रहते थे. पुलिस के पास इसके पुख्ता सबूत हैं.
लेकिन पुलिस संतोष के पता-ठिकाना का सत्यापन नहीं कर पा रही है. धनबाद पुलिस ने यूपी पुलिस से संतोष के बारे में मदद मांगी है. पुलिस पूछताछ में विधायक कह चुके हैं कि वह संतोष के बारे में नहीं जानते हैं.
पंकज के बारे में भी प्रारंभ में पुलिस को आरोपी पक्ष से सही जानकारी नहीं मिल पायी थी. एक-एक कर शूटरों के गिरफ्त में आने के बाद पंकज के ठिकाने का पता पुलिस को चला. सुल्तानपुर जेल में बंद पंकज सिंह के साथ पुलिस मिर्जापुर जेल में बंद रिंकू सिंह को भी नीरज हत्याकांड में प्रोडक्शन वारंट पर धनबाद लायेगी. रिंकू के खिलाफ मिर्जापुर जेल में धनबाद कोर्ट से प्रोडक्शन वारंट लगा दिया गया है. पंकज के खिलाफ भी पुलिस कोर्ट से प्रोडक्शन वारंट लेकर सुल्तानपुर जेल में जमा करायेगी. पहले चरण में पुलिस पंकज से पूछताछ करेगी.
मुन्ना बजरंगी से जुड़ा है पंकज : यूपी में माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी से जुड़ा पंकज झरिया विधायक संजीव के साथ रहता था. पंकज को विधायक के पास रंजय सिंह (जिसकी हत्या हो चुकी है) लाया था. पंकज के कहने पर ही मिर्जापुर जेल में बंद अपराधी रिंकू सिंह ने उसका शूटरों से संपर्क कराया था. रिंकू के कहने पर अमन ने पंकज से संपर्क किया था. पंकज ने लाखों रुपये सुपारी का लालच देकर अमन को धनबाद बुलाया था. पुलिस का आरोप है कि विधायक का खास पंकज की प्लानिंग से नीरज की हत्या करायी गयी. अभी तक चारों शूटरों ने प्रत्यक्ष रूप से विधायक संजीव सिंह से संपर्क होने व विधायक का नाम नहीं लिया है. शूटरों ने पुलिस को बताया है कि पंकज कहता था कि विधायक जी से बात हो गयी है.
डब्लू ने दिलाया था किराये का मकान : डब्लू मिश्रा उर्फ डब्लू गिरि उर्फ मृत्युंजय गिरि उर्फ बाबा ने सीएफआरआइ के रिटायर्ड डिप्टी डायरेक्टर राम अह्लाद राय के कुसुम विहार स्थित मकान को शूटरों को किराये पर दिलवाया था. डब्लू ने अपना नाम मुन्ना बताया था. इसी मकान में शूटर अमन, शिबू, सोनू व चंदन ठहरे थे. चारों शूटरों ने अपना असली नाम नहीं बताया था. इसी मकान में पंकज ने बारी-बारी से शूटरों को बुलाकर एक दूसरे पहचान करायी थी. चार पिस्टल व दो बाइक उपलब्ध कराये. नीरज की हत्या को अंजाम देकर शूटर 21 मार्च शाम किराये की मकान में ताला बंद कर भाग निकले. हत्या में प्रयुक्त दोनों बाइक जीटी रोड गोविंदपुर में एक बैंक के समीप छोड़ दी थी. हत्या में प्रयुक्त हथियार पंकज सिंह को लौटाकर बंगाल के रास्ते सभी भाग गये. पंकज ने लाखों रुपये की जगह चारों शूटरों को खाने-पीने व राह खर्च ही दिया था.
बिहार, यूपी व झारखंड में हो रही थी पंकज की खोज : पंकज की खोज तीन-तीन राज्यों में हो रही थी. पुलिस बिहार, झारखंड व यूपी में खोज रही थी और पंकज ने नेपाल में शरण ले रखा था. यूपी पुलिस की तीन-तीन टीमों को पंकज की खोज में लगाया गया था. सुल्तानपुर पुलिस भी लगातार पंकज के संबंधियों के यहां दबिश दे रही थी. धनबाद पुलिस चार बार पंकज के घर में छापामारी कर चुकी थी. पंकज के पीछे यूपी के मुन्ना बजरंगी विरोधी अपराधियों का सरगना लगा हुआ था. पुलिस की दबिश व विरोधी गुट के संभावित खतरे के मद्देनजर पंकज को अंतत: कोर्ट की शरण लेनी पड़ी.
सजा दिलाना पुलिस के लिए चुनौती
पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या में अपराधियों को सजा दिलाना पुलिस के लिए बड़ी चुनौतीहोगी. न्यायिक प्रक्रिया के दौरान गवाहों के मुकरने, केस का लंबा खींचने व पुलिस कार्रवाई में खामियां निकाल अभियुक्त पक्ष बचने का रास्ता निकाल लेता है. इस हाइ प्रोफाइल मामले में गिरफ्तार कई पेशेवर अपराधी हैं. हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि पुलिस इस मामले का स्पीडी ट्रायल करायेगी या यह अपनी गति चलेगा. नीरज हत्याकांड में अभियुक्तों के स्वीकारोक्ति बयान, टीआइ परेड में शूटरों की पहचान, टेक्नीकल अनुसंधान में कड़ी से कड़ी जुटना, घटनास्थल पर अभियुक्त व षडयंत्रकारियों की मौजूदगी के प्रमाण भी पुलिस के पास हैं. लेकिन हत्या में प्रयुक्त हथियार की बरामदगी नहीं हो पायी है. यह अभियोजन के लिए कमजोर पक्ष है.
कब कहां गिरफ्तारी हुई
विधायक के करीबी जैनेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह, निजी बॉडी गार्ड धनजी सिंह, अनुसेवक संजय सिंह को पुलिस ने 26 मार्च को ही गिरफ्तार कर लिया था. लेकिन 28 मार्च को तीनों की गिरफ्तारी की पुष्टि की गयी. तीनों को नीरज हत्याकांड में 29 मार्च को कोर्ट में पेशी के बाद जेल भेजा गया. मामले में पिंटू एफआइआर तथा संजय व धनजी नन एफआइआर अभियुक्त बने. शूटर अमन सिंह : छई मई को मिर्जापुर में, कुर्बान अली उर्फ सोनू-तीन जून को यूपी कैंट स्टेशन, विजय सिंह उर्फ सागर उर्फ शिबू को प्रतापगढ़ में 24 जून को, चंदन सिंह उर्फ रोहित उर्फ सतीश -आठ जुलाई को वाराणसी में कारतूस व गोली के साथ पकड़ा गया. सोनू यूपी पुलिस का 25 हजार का इनामी भी है. नीरज हत्याकांड में अमन सिंह को आठ मई को, कुर्बान अली को
24 जून को, शिबू उर्फ सागर को आठ जुलाई, रोहित उर्फ चंदन सिंह को 23 जुलाई को धनबाद जेल में न्यायिक हिरासत में भेजा गया है. चारों की टीआइ परेड में हत्याकांड के एकमात्र प्रत्यदर्शी गवाह आदित्य राज ने पहचान कर ली है. बाइक की पहचान के साथ टीआइ परेड में जेल में डब्लू मिश्रा को मकान मालिक राम अह्लाद राय व उनकी पत्नी ने पहचान की.
धनबाद पुलिस की दबिश के कारण पंकज ने सुल्तानपुर कोर्ट में सरेंडर कर दिया है. पंकज के खिलाफ कुर्की वारंट जारी था. पुलिस शीघ्र ही कुर्की करने वाली थी. लगातार उसकी खोज में यूपी पुलिस के सहयोग से छापामारी की जा रही थी.
मनोज रतन चोथे, एसएसपी, धनबाद
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