देवघर : लिट्टीपाड़ा विधानसभा क्षेत्र शुरू से ही झामुमो का गढ़ रहा है. इस गढ़ पर साइमन मरांडी व उनके परिवार का दबदबा रहा है. लगातार नौवीं बार का परिणाम यह दर्शाता है कि लिट्टीपाड़ा सीट ऐसा विधानसभा क्षेत्र है जहां प्रत्याशी की कोई अहमियत नहीं है. पार्टी का सिंबल ही खास है. इसका एक उदाहरण ऐसे देख सकते हैं कि 2014 के चुनाव साइमन ने भाजपा से लड़ा तो वे हार गये और 2017 में वही साइमन झामुमो से लड़े तो जीत गये. इस तरह खास सिंबल यहां के वोटरों के दिलो दिमाग पर छाया हुआ है
और वहीं हार-जीत का कारण बना. 1977 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो साइमन मरांडी ने निर्दलीय चुनाव जीता और विधायक बने थे. 1980 से झामुमो की टिकट पर चुनाव लड़े. लगातार दो टर्म 1980 व 1985 में विधानसभा गये. 1995 से 2005 तक हुए तीन चुनाव में उनकी पत्नी ने झामुमो की टिकट पर चुनाव जीता और जीत की हैट्रिक बनायी थी. 2009 में पार्टी ने फिर साइमन मरांडी को उतारा और वे जीते. 2014 में साइमन भाजपा में शामिल हो गये और भाजना ने इस खयाल से उन्हें पार्टी ने लिट्टीपाड़ा से चुनाव लड़ाया कि इस सीट पर साइमन की अच्छी पकड़ है. क्योंकि कई टर्म वे और उनकी पत्नी वहां से विधायक रही हैं.
जनता ने भाजपा को नकारा : विजय हांसदा
प्रधानमंत्री के आगमन के बाद स्थानीय सांसद को नहीं बोलने देना एवं मुख्यमंत्री रघुवर दास के लगातार कैंप करने के बाद भी लिट्टीपाड़ा की जनता ने भाजपा को नकार दिया है. यह जीत लिट्टीपाड़ा की जनता की जीत है. यह बातें सांसद विजय हासंदा ने दूरभाष पर कही. उन्होंने कहा कि यहां की जनता सब देख रही है. 2019 में जनता पूरे देश में भाजपा को सबक सिखायेगी. बरहेट, लिट्टीपाड़ा झामुमो का गढ़ है और रहेगा.
बढ़ा है भाजपा का वोट प्रतिशत : अनंत ओझा
राजमहल विधायक अनंत कुमार ओझा ने लिट्टीपाड़ा उपचुनाव के परिणाम आने के बाद कहा कि भाजपा लिट्टीपाड़ा के पिछड़ापन व विकास पर चुनाव लड़ रही थी. 2014 के चुनाव में 25 हजार का अंतर था जो इस बार 12 हजार के करीब रहा भाजपा के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ा है. संगठनात्मक तौर पर हार की समीक्षा होगी और विकास के मुद्दों को भाजपा सदा लेकर चलती रहेगी.
चुनाव तो नहीं लेकिन जनता का विश्वास जीता : लोइस
लोकतंत्र में जनता का फैसला सर्वोपरि है. 2014 के चुनाव की तुलना में भाजपा का वोट प्रतिशत लगभग 8 प्रतिशत बढ़ा है. सरकार विकास के जरिये लिट्टीपाड़ा ही नहीं पूरे राज्य की जनता का विश्वास जीतने का प्रयास कर रही है. चुनाव में पार्टी को भले जीत नहीं मिली, पर पिछले चुनाव की तुलना में बढ़ा मत यह बताता है कि हम जनता का विश्वास जीतने में कामयाब रहे हैं.
अनुकंपा पर जीता जेएमएम : किष्टु
जेवीएम प्रत्याशी किष्टु सोरेन ने कहा कि जनता ने इस उपचुनाव में झाविमो को सम्मानजनक स्थिति में रखा है. अनुकंपा के आधार पर जेएमएम को इस बार जनता ने सीट दिया है. अगले चुनाव में जेवीएम यहां परचम लहरायेगी. कहा उन्हें जनता ने 9208 मत देकर सम्मान दिया है.
किसको कितना वोट मिला
प्रत्याशी पार्टी वोट मिला वोट प्रतिशत
साइमन मरांडी झामुमो 65551 46.39
हेमलाल मुर्मू भाजपा 52651 37.26
किस्टो सोरेन झाविमो 9208 06.51
ज्योतिष बास्की निर्दलीय 2190 01.55
जंतु सोरेन निर्दलीय 2033 01.44
शिवचरण मालतो निर्दलीय 1893 1.34
डॉ श्रीलाल किस्कू निर्दलीय 1652 1.17
हरीश्चंद्र हांसदा निर्दलीय 1634 1.16
गुपीन हेंब्रम निर्दलीय 983 0.70
गयालाल देहरी निर्दलीय 848 0.60
नोटा —- 2646 1.87