उपेक्षा मानव संसाधन विकास विभाग झारखंड के सचिव द्वारा जारी किया गया था निर्देश
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स्कूल गोद लेने की योजना खटाई में
उपेक्षा मानव संसाधन विकास विभाग झारखंड के सचिव द्वारा जारी किया गया था निर्देश जिले के प्रारंभिक विद्यालय से लेकर माध्यमिक विद्यालयों में सतत अनुश्रवण, पर्यवेक्षण, निरीक्षण करना सुनिश्चित किया गया था. साथ ही विद्यालयों को गोद लेकर वहां के विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित किया गया था. मानव संसाधन विकास विभाग झारखंड सरकार के […]
जिले के प्रारंभिक विद्यालय से लेकर माध्यमिक विद्यालयों में सतत अनुश्रवण, पर्यवेक्षण, निरीक्षण करना सुनिश्चित किया गया था. साथ ही विद्यालयों को गोद लेकर वहां के विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित किया गया था. मानव संसाधन विकास विभाग झारखंड सरकार के सचिव द्वारा पत्र जारी कर क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला शिक्षा अधीक्षक, अनुमंडल शिक्षा पदाधिकारी, क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी, सभी प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी, अवर विद्यालय निरीक्षक को आवश्यक निर्देश दिया गया था. लेकिन, निर्देश का सख्ती से अनुपालन नहीं हो रहा है. क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक को हर माह जिले के 20 प्रारंभिक, माध्यमिक, प्लस टू एवं कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय का निरीक्षण करना था.
निरीक्षण प्रतिवेदन निदेशक प्राथमिक शिक्षा व निदेशक माध्यमिक शिक्षा को उपलब्ध कराना था. जिला शिक्षा पदाधिकारी को हर माह 20 विद्यालयों का निरीक्षण करना था. निरीक्षण प्रतिवेदन निदेशक प्राथमिक शिक्षा एवं क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक को उपलब्ध करना था. जिला शिक्षा अधीक्षक को हर माह 20 प्रारंभिक विद्यालय, प्रखंड संसाधन केंद्र, संकुल संसाधन केंद्र, कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय का निरीक्षण करना था. निरीक्षण प्रतिवेदन राज्य परियोजना निदेशक, निदेशक प्राथमिक शिक्षा को उपलब्ध कराना था. अनुमंडल शिक्षा पदाधिकारी हर माह 20 विद्यालय का निरीक्षण करते हुए निरीक्षण प्रतिवेदन निदेशक प्राथमिक शिक्षा को उपलब्ध कराना था. प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी/अवर विद्यालय निरीक्षक हर माह तीस प्रारंभिक विद्यालय, प्रखंड संसाधन केंद्र, संकुल संसाधन केंद्र, कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय का निरीक्षण कर जिला शिक्षा अधीक्षक सह जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को निरीक्षण प्रतिवेदन उपलब्ध करना सुनिश्चित किया गया था.
देवघर : जिले के प्रारंभिक विद्यालय से लेकर माध्यमिक विद्यालयों में सतत अनुश्रवण, पर्यवेक्षण, निरीक्षण करना सुनिश्चित किया गया था. साथ ही विद्यालयों को गोद लेकर वहां के विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित किया गया था. मानव संसाधन विकास विभाग झारखंड सरकार के सचिव द्वारा पत्र जारी कर क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला शिक्षा अधीक्षक, अनुमंडल शिक्षा पदाधिकारी, क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी, सभी प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी, अवर विद्यालय निरीक्षक को आवश्यक निर्देश दिया गया था. लेकिन, निर्देश का सख्ती से अनुपालन नहीं हो रहा है.
क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक को हर माह जिले के 20 प्रारंभिक, माध्यमिक, प्लस टू एवं कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय का निरीक्षण करना था. निरीक्षण प्रतिवेदन निदेशक प्राथमिक शिक्षा व निदेशक माध्यमिक शिक्षा को उपलब्ध कराना था. जिला शिक्षा पदाधिकारी को हर माह 20 विद्यालयों का निरीक्षण करना था. निरीक्षण प्रतिवेदन निदेशक प्राथमिक शिक्षा एवं क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक को उपलब्ध करना था. जिला शिक्षा अधीक्षक को हर माह 20 प्रारंभिक विद्यालय, प्रखंड संसाधन केंद्र, संकुल संसाधन केंद्र, कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय का निरीक्षण करना था. निरीक्षण प्रतिवेदन राज्य परियोजना निदेशक, निदेशक प्राथमिक शिक्षा को उपलब्ध कराना था. अनुमंडल शिक्षा पदाधिकारी हर माह 20 विद्यालय का निरीक्षण करते हुए निरीक्षण प्रतिवेदन निदेशक प्राथमिक शिक्षा को उपलब्ध कराना था. प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी/अवर विद्यालय निरीक्षक हर माह तीस प्रारंभिक विद्यालय, प्रखंड संसाधन केंद्र, संकुल संसाधन केंद्र, कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय का निरीक्षण कर जिला शिक्षा अधीक्षक सह जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को निरीक्षण प्रतिवेदन उपलब्ध करना सुनिश्चित किया गया था.
क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला शिक्षा अधीक्षक, अनुमंडल शिक्षा पदाधिकारी, क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी, प्रखंड शिक्षा प्रसाद पदाधिकारी व अवर विद्यालय निरीक्षक को करना था निरीक्षण
विद्यालयों का निरीक्षण कर अधीनस्थ पदाधिकारी को सौंपना था रिपोर्ट
विभागीय निर्देश का अनुपालन नहीं होने से विद्यार्थी हो रहे हैं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित
मानव संसाधन विकास विभाग झारखंड के सचिव द्वारा स्कूली शिक्षा में सुधार के लिए तय किये गये थे बिंदु
प्राथमिक शिक्षा में ड्रॉप आउट रेट को न्यूनतम स्तर पर लाया जाये.
शिक्षा के स्तर में गुणात्मक सुधार लाते हुए नयी ऊचाईयों को प्राप्त किया जाये.
सामाजिक, आर्थिक एवं लिंगभेद संबंधी विषमताओं को दूर करते हुए सबों के लिए शिक्षा सुविधा उपलब्ध कराया जाये.
विद्यालयों में शिक्षकों को बढ़ाकर शिक्षक-छात्रों के अनुपात को संतुलित किया जाये.
कक्षा में शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित करते हुए ज्यादा जिम्मेदार बनाया जाये
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समुदाय आधारित विद्यालय प्रबंधन व्यवस्था को पूर्ण विकसित किया जाये.
बालिका शिक्षा को प्राेत्साहन देते हुए यूनिवर्सल एजुकेशन फॉर गर्ल्स के लक्ष्य को प्राप्त किया जाये.
विद्यालयों में चल रहे विभिन्न कार्यक्रमों मसलन एसएसए, आरएमएसए, एमडीएम के गुणवत्ता एवं कार्यप्रणाली में सुधार करना एवं लक्षित वर्ग के लिए चलायी जा रही योजनाओं का लाभ शत प्रतिशत उपलब्ध कराया जाये.
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