इस दौरान हजारों यात्री ओर चालक फंसे रहे. जानकारी मिलने पर जसीडीह पुलिस सुबह पहुंची व ट्रक को पॉकलेन से गाड़ी हटाने का प्रयास किया. करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद आवागमन बहाल हो सका. हालांकि वाहनों की कतार काफी लंबी होने के कारण मार्ग प्रशस्त करने में पुलिस को काफी परेशानी हुई.
गिरिडीह से आ रहे बिनोद सिंह, कटिहार के साधु कुमार समेत कन्हैया कुमार यादव, दीपक कुमार, मुकेश कुमार, नंदकिशोर, विपीन कुमार आदि वाहन चालकों व यात्रियों ने बताया कि रातभर जंगल में गाड़ी फंसी रही, लेकिन सुरक्षा के कोई बंदोबस्त नहीं किये गये थे. डरे सहमे लोग केवल सुबह होने का इंतजार कर रहे थे. बता दें कि संवेदक निर्माण कार्य में तो लगे हुए हैं मगर डायवर्सन के लिए कहीं भी रास्ता नहीं बनाया गया है. जिस कारण सड़क आधा काटकर काम किया जा रहा है और अक्सर जाम लगा रहता है. सड़क पर मिट्टी बिखरे रहने के कारण ही पिछले दिनों बासुकिनाथ के एक चिकित्सक को सड़क दुर्घटना में अपनी जान गंवानी पड़ी थी. इसके बाद भी प्रशासन व संवेदक उदासीन बने हुए हैं.