देवघर : जिले में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं. यहां का पर्यटन विभाग यदि काम पूरा कर दे तो विकास की गंगा बह सकती है. संयोग भी अच्छा रहा है कि देवघर के विधायक सुरेश पासवान ही पर्यटन मंत्री हैं.
बावजूद जिस गति से विभाग का काम धरातल पर दिखना चाहिए. वह 2013 में नहीं दिखा. उपलब्धि के नाम पर दिखाने के लिए विभाग के पास केवल बाबा मंदिर सहित आसपास का क्षेत्र व तपोवन पहाड़ पर सफाई काम शुरू करना है.
विभाग की ओर से पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए हर संभव सुविधा मुहैया कराने की घोषणा भी धरातल पर नहीं लाया जा सका. धार्मिक नगरी के अति महत्वाकांक्षा क्यू कॉम्प्लेक्स योजना का काम भी शुरू नहीं हो सका. जबकि पर्यटन विभाग के निदेशक सिद्धार्थ त्रिपाठी के साथ डिजाइन एसोसिएट के मुख्य आर्किटेक जय कानितकर जमीन का निरीक्षण भी दो माह पहले कर चुके हैं.
इसके बनने से बाबाधाम आये श्रद्धालुओं को काफी आराम मिलता. इतना ही नहीं जिले में पर्यटन विभाग का आधुनिक सुविधा से लैस होटल भी नहीं बना. त्रिकुट पहाड़ पर यात्री शेड बनने का काम भी शुरू नहीं हुआ है. उन्होंने प्रांत के मुख्य दस पर्यटक स्थल वाले जिलों में देवघर को भी रखा है.
सभी जगहों में विदेशी पर्यटकों का आगमन होता है. उन्हें आकर्षित करने के लिए सुविधा के तौर पर फिलहाल एक -एक बस देने की बात कही गयी थी. नटराज बिहार व बैद्यनाथ बिहार का सौंदर्यीकरण करने की बात भी कही गयी थी. वहीं पर्यटन विभाग के सचिव सजल चक्रवर्ती ने भी त्रिकुट में बंदरों को बचाने के लिए अभियान चलाने की बात कही थी. वह भी पुराने साल में हवा-हवाई साबित हो रही है. नव वर्ष में पर्यटन विभाग के पास कई काम हैं. देखना है कि विभाग नये वर्ष में कुछ करती भी है या फिर आश्वासन के जोर पर यह भी पार हो जायेगा.