देवघर : देवघर में पदस्थापित डीडीसी मीना ठाकुर पर सरकार का शिकंजा कसता जा रहा है. राज्यपाल के आदेश से उन पर प्रपत्र क में गठित आरोपों की जांच के लिए दो पदाधिकारी को नामित किया गया है. दोनों जांच अधिकारियों के समक्ष डीडीसी मीना ठाकुर को 15 दिनों के अंदर उपस्थित होकर लिखित बचाव बयान प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है.
इनके सामने रखना होगा पक्ष
जारी संकल्प के अनुसार, श्रीमती ठाकुर के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही के संचालन के लिए राजस्व पर्षद, झारखंड के उप सचिव सुधीर रंजन को उपस्थापन पदाधिकारी नामित किया गया है. वहीं उनके द्वारा संचालन पदाधिकारी के समक्ष समर्पित किये जाने वाले लिखित बचाव बयान में जिन आरोपों को स्वीकार नहीं किया जाये, उन आरोपों की जांच के लिए सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी अशोक कुमार सिन्हा विभागीय जांच पदाधिकारी को संचालन पदाधिकारी नियुक्त किया गया है
संकल्प को गजट में प्रकाशित करने का निर्देश
राज्यपाल ने आदेश दिया है कि डीडीसी मीना ठाकुर के विरुद्ध जो संकल्प पत्र जारी हुआ है उसे राजकीय गजट में प्रकाशित कराया जाये व इसकी प्रति आरोप पत्र व साक्ष्य सहित उन्हें और जांच संचालन पदाधिकारी द्वय को आवश्यक कार्रवाई के भेजा जाये.
क्या था मामला
ज्ञात हो कि मीना ठाकुर जो पूर्व में राजस्व पर्षद की संयुक्त सचिव सह प्रभारी सचिव थीं, उनके द्वारा अपने कार्यकाल में विभागीय टंकण व कंप्यूटर परीक्षा 2015 के आयोजन तथा परीक्षाफल तैयार करने में अनियमितता बरतने की शिकायत मिली.
उन्होंने बिना राजस्व पर्षद का अनुमोदन प्राप्त किये बिना अपने स्तर से कर्मियों का पदस्थापन व कार्य आवंटन कर दिया. इस संबंध में उनके खिलाफ प्रपत्र क गठित किया गया था, में वर्णित आरोप प्रथम द्रष्टया सही पाया गया. उक्त आरोपों पर विभागीय कार्रवाई संचालित की जा रही है.